शिवपुरी/करैरा। दतिया पुलिस की हिरासत में कथित मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रविवार को युवक का जबरन अंतिम संस्कार कराने पहुंची दतिया पुलिस को परिजन व गांव के लोगों ने पथराव कर खदेड़ दिया। बाद में शिवपुरी से अतिरिक्त पुलिसबल भेजकर हालात काबू किए गए।
परिजन का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट डॉक्टरों ने पुलिस के कहने पर गलत बनाई है, इसलिए पोस्टमार्टम दोबारा कराया जाए। उधर जिगना थाना प्रभारी मनोज सरयाम का कहना है कि दोबारा पोस्टमार्टम कराने की कोई जरूरत नहीं है।
यह है मामला: दतिया में पांच मार्च को हुए एक अपहरण के मामले में जिगना पुलिस ने दो संदेहियों को पकड़ा था। संदेहियों से पूछताछ में सीहोर थाना क्षेत्र के ग्वालिया गांव में रहने वाले गोपाल खंगार का नाम सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में गोपाल के घर दबिश दी। जब गोपाल घर पर नहीं मिला तो पुलिस उसके भाई नेतराम को उठा ले गई। इसके बाद शनिवार की सुबह परिजन को पुलिस ने उसके आत्महत्या करने की सूचना दी। इधर परिजन का आरोप है कि पुलिस ने पीट-पीट कर नेतराम को मार डाला और फांसी पर लटका दिया। पुलिस अधिकारियों के विरोधाभासी बयानों ने पूरे मामले को और संदिग्ध बना दिया है।
रविवार की सुबह मृतक नेतराम के घर पहुंचे एएसपी आरएस प्रजापति, थाना प्रभारी मनोज सरयाम व एडीएम सुरेश शर्मा ने मृत नेतराम के परिजन से अंतिम संस्कार कराने की बात कही। इस पर मृतक की मां फूलाबाई व ग्रामीणों ने कहा कि पोस्टमार्टम दोबारा कराया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि दतिया में कराए गए पोस्टमार्टम में उसके शरीर की चोटों के निशान को छुपाया गया है। दोबारा पोस्टमार्टम कराने को पुलिस तैयार नहीं हुई।