भोपाल। कहते हैं परीक्षाएं किसी के लिए नहीं रुकतीं, दंगों और कर्फ्यू के हालात में भी परीक्षाएं आयोजित की जातीं हैं, परंतु ऐसा कहीं और होता होगा। मध्यप्रदेश में तो शिवराज सिंह चौहान की सभा के लिए यूनिवर्सिटी पूरा का पूरा पेपर ही कैंसल कर देती है।
यह गजब किसी और ने नहीं उज्जैन की विक्रम यूनिवर्सिटी ने किया है। दरअसल शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह मंदसौर में थे। वो पीजी कॉलेज में सभा करने जा रहे थे और समस्या यह थी कि इसी दिन बीकॉम चतुर्थ सेमेस्टर के पेपर भी थे।
अब देखिए यूनिवर्सिटी प्रबंधन की चापलूसी और शिवराज सिंह चौहान के मैनेजर्स की दादागिरी कि परीक्षाओं के चलते सभा की तारीख नहीं बदली गई परंतु सभा के लिए पेपर की डेट जरूर बदल दी गई। हद तो तब हो गई जब स्टूडेंट्स को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई और वो परीक्षाएं देने शुक्रवार को अपने अपने कॉलेज जा पहुंचे।
सवाल यह है कि सीएम की एक कॉलेज में सभा क्या इतनी जरूरी थी कि पूरी की पूरी यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं का शेड्यूल ही बदल दिया जाए। इसके अलावा भी हैं हजारों सवाल जिसके बाद केवल एक मांग सामने आती है कि कम से कम शिवराज सिंह चौहान को इस गलती और स्टूडेंट्स के साथ हुए भद्दे मजाक के लिए माफी मांगनी चाहिए।
इस संबंध में कुलसचिव डॉ. बीएल बुनकर से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि अपरिहार्य कारणों से पेपर आगे बढ़ाए गए हैं लेकिन वह अपरिहार्य कारण क्या है, इस सवाल का जवाब उन्होंने नहीं दिया।