सीहोर। अब जेल के कैदियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना हो तो सड़क नहीं बल्कि सुरंग के जरिए ले जाया जाएगा। इससे कैदियों को जल्दी और गुपचुप तरीके से अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा और फरार होने का खतरा भी कम हो जाएगा।
जिला चिकित्सालय भवन की अवस्था एवं वार्डों की कमी से सीहोर एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के रोगियों को आए दिन परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है । इस समस्या से निजात पाने हेतु विगत् दिनों समाज सेवी संस्थाओं एवं समाधान सेवा समिति (एनजीओ) ने पोस्ट कार्ड अभियान के माध्यम से शासन के समक्ष मांगों का प्रस्तुती करण किया था।
इसके फलस्वरुप शासन ने जेल परिसर को जिला चिकित्सालय को हस्तांतरित करके साथ ही 19 करोड़ रुपये जीर्णोद्धार एवं साज-सज्जा हेतु स्वीकृत किए हैं। चालू वित्त वर्ष में पुराने जेल परिसर को चिकित्सालय उन्नयन हेतु 5.38 करोड़ रुपये का आवंटन भी प्राप्त हो गया है। इस कार्य में तेजी लाने हेतु एक प्रतिनिधि मण्डल श्री राममूर्ति शर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग आयुक्त श्री पंकज अग्रवाल एवं संचालक श्री संजय गोयल से भेंट कर एक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
मांगों पर सहानूभूति पूर्वक विचार करते हुए आयुक्त ने जच्चा-बच्चा वार्ड एवं अन्य निर्माण कार्यों में तेजी लाने का आश्वासन दिया। समाधान सेवा समिति के वरिष्ठ सदस्य राममूर्ति शर्मा ने बताया कि सुरक्षा एवं रोगियों की सुविधा हेतु जेल परिसर एवं मुख्य चिकित्सालय परिसर को सुरंग मार्ग (भूतल मार्ग) से जोड़ा जाएगा।
शीघ्र ही उच्च स्तरीय उपकरणों की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। प्रतिनिधि मण्डल के अन्य सदस्य ओम दीप एवं डॉ. साधुराम शर्मा द्वारा तथ्यात्मक एवं गूगल से प्राप्त नक्शे के माध्यम से भवन निर्माण एवं सुधार हेतु प्रस्तुतिकरण किया गया एवं जोर दिया गया कि निर्माण कार्य समय सीमा में पूर्ण किया जाए ताकि बढ़ती महंगाई के कारण निर्माण कार्य की लागत मूल्य में वृद्धि से बचा जा सके और लोगों को शीघ्र लाभ मिल सके।