सीनियर डॉक्टर ने तोड़ा आरएसएस के अस्पताल से नाता, कहा सेवा करने आया था सौदा करने नहीं

ग्वालियर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े तराणेकर न्यास द्वारा संचालित आरोग्यधाम अस्पताल से शहर के वरिष्ठ अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. बीपी पुरोहित ने नाता तोड़ लिया है। अपने इस फैसले की जानकारी शनिवार को उन्होंने खुद फेसबुक पर साझा की है।

इससे पहले शुक्रवार को डॉ. पुरोहित ने आरोग्यधाम की व्यवस्थाओं से जुड़े सदस्यों को संस्थान में आमंत्रित कर अपना फैसला सुनाते हुए कहा- 'अस्पताल से लाभ कमाना है तो मुझे माफ कर दें। मैं पिछले दो साल से यहां एक सेवाभावी संगठन के भाव से जुड़ा था। मेरा यह विश्वास अब खंडित होने लगा है, इसलिए मैं खुद को यहां से अलग कर रहा हूं। मैंने सेवाभाव से जिन लोगों को संस्थान से जोड़ा था, वे अपने बारे में फैसला खुद कर सकते हैं।

आरोग्यधाम की संचालन समिति में उपाध्यक्ष के रूप में काम करने वाले डॉ. पुरोहित ने शुक्रवार को जिन लोगों के सामने संस्थान से नाता तोडऩे का फैसला सुनाया, उनमें तराणेकर स्मृति न्यास के अध्यक्ष विष्णु जैन, आरोग्यधाम के संचालक और आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक अनिल ओक, अध्यक्ष डॉ. राकेश मंगल, सचिव डॉ. आरके राजौरिया, कोषाध्यक्ष अनूप अग्रवाल आदि शामिल थे।

चार फरवरी 2011 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोग्यधाम का उद्घाटन किया था। अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. पुरोहित तभी से संस्थान के साथ जुड़े थे। उन्होंने अपने 15 बिस्तर वाले अस्पताल का सामान, ऑपरेशन थियेटर के उपकरण और अन्य सामग्री भी आरोग्यधाम को भेंट कर दी थी। सिटी सेंटर स्थित आरोग्यधाम में ग्रामीण क्षेत्रों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं।

सत्य से विश्वासघात नहीं कर सकता

दो माह से मुझे आभास हो रहा था कि संस्थान में सेवाभाव के संकल्प के साथ विश्वासघात की स्थितियां बन रही हैं। हाल ही में हुई बैठक में यह बात सच साबित हुई जब यह फैसला सुनाया गया कि संस्थान को लाभ के बिना नहीं चलाया जा सकता है। मुझे लगा कि ऐसी स्थिति में यहां रहना सत्य के साथ विश्वासघात करना है, लिहाजा मैंने खुद को अलग करने का फैसला कर लिया।
डॉ. बीपी पुरोहित

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