कांग्रेस को ढाई साल बाद क्यों दिखा मेरा दर्द: डॉ एसएमएच जैदी

भोपाल। पशुपालन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अजय विश्नोई के खिलाफ ढाई साल से लड़ रहे पशुपालन विभाग में पदस्थ डॉ. एसएमएच जैदी ने कांग्रेस द्वारा इस मामले को मुद्दा बनाने पर सवाल उठाए हैं। डॉ जैदी ने इस संदर्भ में मध्यप्रदेश के सबसे बड़े हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर से खुलकर बातचीत की।

उन्होंने कहा है कि विश्नोई को भी विजय शाह की तरह मंत्री पद से हटाने को लेकर आंदोलन कर रही कांग्रेस को ढाई साल मेरी प्रताडऩा की सुध क्यों नहीं आई? जबकि मीडिया में मेरी तकलीफ आ चुकी थी। विजय (शाह) के हटने पर ही अजय (विश्नोई) की याद क्यों आई?

मप्र वक्फ बोर्ड के पूर्व सीईओ व मूलत: पशुपालन विभाग में असिस्टेंट सर्जन डॉ. जैदी का कहना है कि मुख्यमंत्री की पत्नी पर टिप्पणी करने पर विजय शाह को हटा दिया गया, लेकिन विश्नोई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। विश्नोई तो मंत्री पद के लायक ही नहीं हैं। क्या आम आदमी की पत्नी पर टिप्पणी करने वाले मंत्री बने रहेंगे? डॉ. जैदी वही पशु चिकित्सक हैं जिन्होंने विश्नोई पर नई पोस्टिंग के लिए उनकी पत्नी की मांग करने के आरोप लगाकर मामला कोर्ट में दायर किया था। पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने इंदौर में बयान देकर एक साल पुराने इस मामले को फिर गरमा दिया है।

दरअसल, डॉ. जैदी की तबादले के बाद ज्वाइनिंग रद्द कर दी गई थी। इससे वे ढाई साल वेतन से वंचित रहे। कोर्ट के आदेश पर उन्हें गैरतगंज में ज्वाइनिंग और वेतन तो मिल गया, लेकिन वे अपनी प्रताडऩा को लेकर विश्नोई के खिलाफ कोर्ट में अभी भी लड़ रहे हैं। उनका आरोप है कि मंत्री के एक करीबी शौकत अली ने उनसे कहा था कि ज्वाइनिंग कराना है तो जबलपुर में मंत्री के बंगले पर पत्नी को लेकर मुलाकात करो। इसकी शिकायत मंत्री से करने पर उन्होंने कहा कि काम कराना है तो कीमत तो चुकाना पड़ती है।

डॉ. जैदी ने दैनिक भास्कर से कहा कि शौकत के यहां इनकम टैक्स छापों के बाद विश्नोई यह चुके थे कि वे शौकत को नहीं जानते। जबकि कोर्ट में चल रहे मामले में विश्नोई और शौकत ने संयुक्त शपथ पत्र कोर्ट में पेश किया है, इसका मतलब है कि वे शौकत को न केवल जानते थे, बल्कि वह उनका करीबी है। विश्नोई ने ढाई साल के दौरान मेरी मदद करने वाले हर अधिकारी, कर्मचारी को प्रताडि़त किया है। ऐसे व्यक्ति को मंत्री पद पर नहीं रहने देना चाहिए।

चिंदी लाकर दुकान खोल रहे हैं भूरिया : विश्नोई

इस मामले में अजय विश्नोई का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया चिंदी लाकर दुकान खोल रहे हैं। कांग्रेस चाह रही है कि विजय शाह मंत्री पद से चले गए तो अजय भी चले जाएं। इस प्रकरण में हकीकत यह है कि डॉ. जैदी जब, जहां चाहते तबादला करा लेते या रुकवा लेते थे। विभाग मेरे पास आने के बाद ऐसा नहीं हो पाया, क्योंकि उनके ऊपर गंभीर आरोप थे और उन्हें हाईकोर्ट के आदेश से हटाया गया था।

मामला इतना गंभीर नहीं है जितना कांग्रेस इसे तूल दे रही है। मैं स्वास्थ्य, आयुष, चिकित्सा शिक्षा विभागों में भी मंत्री रहा हूं, लेकिन कोई मुझ पर ट्रांसफर व पोस्टिंग आदि को लेकर आरोप नहीं लगा पाया। मैं किसी किस्म के दबाव में नहीं आता, इसलिए निम्न स्तरीय आरोप लगाए गए हैं। इससे मैं व्यथित हूं।


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