अब भोपाल बन जाएगा अर्बन फॉरेस्ट सिटी

भोपाल। राजधानी के सड़कों के किनारे, चौराहों और तालाबों के आसपास अब घना जंगल नजर आएगा। इसके लिए नगर निगम अर्बन फॉरेस्ट कॉन्सेप्ट पर काम कर रही है। इसके तहत शहर में प्लांटेशन कुछ इस तरह किया जाएगा, कि घने जंगल का आभास होगा। इस काम को करने के लिए निगम जल्द ही आफर बुला सकता है।

गौरतलब है कि राजधानी के लगातार हो रहे विकास से यहां का प्राकृतिक सौंदर्य खत्म होता जा रहा है। ऐसे में नगर निगम शहर की सुंदरता को बनाए रखने के लिए अर्बन फॉरेस्ट कॉन्सेप्ट को लागू किया जाएगा। इसके तहत सड़कों के किनारे, चौराहे और बड़ी रोटरियों सहित खाली पड़ी जमीन पर बल्क प्लांटेशन किया जाएगा। यह प्लांटेशन इतना घना होगा कि यह छोटे जंगल के समान दिखेगा। इसके लिए जल्द ही बैंगलुरु से एक टीम शहर का जायजा लेने आने वाली है।

प्लांटेशन के लिए जल्द ही जगह का चयन किया जाएगा। इसके लिए भोपाल में खाली पड़ी अनुपयोगी जमीन की सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाली कंपनियों से टेंडर मंगाए जाएंगे।

बेंगलुरु व दिल्ली में है सफल

कहा जाता है कि अर्बन फॉरेस्ट समय की जरूरत हैं। पूरे विश्व में इस पर काम किया जा रहा है। भारत में दिल्ली, बैंगलुरु और पुणे में भी इस कॉन्सेप्ट पर कई सालों से काम किया जा रहा है। हाल ही में अहमदाबाद और गांधी नगर में भी इसी कॉन्सेप्ट के तहत काम किया गया है। इससे न केवल शहर के विकास में बाधा आती है और साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य भी बरकार रहता है।

क्या है अर्बन फॉरेस्ट

शहर के खाली या फिर अनुपयोगी क्षेत्र, जहां ब़ड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाकर उन्हें हरियाली से भर दिया जाए। यह हरियाली इतनी घनी होगी, कि वह शहर के लोगों को जंगल जैसा आभास कराए। शहर में मौजूदा समय में सिर्फ कंक्रीट के जंगल (मल्टी स्टोरी बिल्डिंगें) ही तेजी से बढ़ रहीं हैं। विशेषज्ञों की मानें तो शहर की बढ़ती आबादी को जहां मल्टीस्टोरी बिल्ंिडगों की जरूरत है, वहीं पेड़-पौधे और हरियाली भी जरूरी है।

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