वाह रे ! मध्यप्रदेश के मंत्री और वाह रे उनके कुतर्क

राकेश दुबे@प्रतिदिन। सरकार सामूहिक जवाबदारी का नाम है। ऐसा संसदीय कार्यवाही के जानकार कहते हैं। मंत्री सदन में या सदन के बाहर जो आचरण करता है। वह भी सामूहिक उतरदायित्व की परिधि में आता है।

लोकसभा और विधानसभाओं की कार्यवाहियों में अनेक बार दर्ज़ यह वाक्य सत्य और सर्वमान्य है, तो कल जावरा  में मध्यप्रदेश सरकार के नगरीय प्रशासन और विकास राज्य मंत्री ने जो कहा उसे अगर इस कसौटी पर कसा जाये तो मध्यप्रदेश सरकार की नीति और नीयत दुष्कृत्य के मामलों में प्रश्नवाचक चिन्ह की जद में है।

मध्यप्रदेश सरकार  में मंत्री है मनोहर सिंह ऊंटवाल शुक्रवार को उन्होंने जावरा में कहा "मध्यप्रदेश की आबादी को देखते हुए,दुष्कर्म के मामले बहुत ज्यादा नहीं हैं । ऐसे राज्य में जहाँ आबादी साढ़े सात करोड़ से ज्यादा है ,वहां हर साल सिर्फ 4500 दुष्कर्म के मामले ही सामने आ रहे हैं ।

धन्य है! मंत्री जी और धन्य है उनका सामान्य ज्ञान और तर्क। मध्यप्रदेश में महिला दुष्कृत्य की संख्या देश में सबसे ज्यादा है अगर इसे वैश्विक आधार पर देखें तो चीन में दुष्कृत्य के मामले सबसे कम है। इस पैमाने पर मंत्रीजी का तर्क, कुतर्क है। ​

पिछले तीन दिनों में मध्यप्रदेश में तीन छोटी बच्चियों के साथ दुष्कृत्य हुए है । जिनमे से एक तो जिन्दगी से संघर्ष कर रही है अपने को बेटियों के मामा कहने वाले मुख्यमंत्री कुछ और नहीं तो कम से कम बयानबाजी पर तो रोक लगा सकते हैं।





  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं। 
  • संपर्क  9425022703 
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