भोपाल। बीते रोज अध्यापक प्रतिनिधि मंडल की पीएस श्री मनोज श्रीवास्तव से हुई मुलाकात के बाद मध्यप्रदेश में अध्यापकों को 6वां वेतनमान की उम्मीद जाग गई है परंतु संविलियन के विषय पर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।
दिनांक 29 अप्रैल को पूर्व निर्धारित मध्यप्रदेश के संविदा शिक्षक एवं अध्यापक कर्मचारी नेताओं एवं सीएम की मीटिंग तो नहीं हुई लेकिन पीएस मनोज श्रीवास्तव ने जरूर अध्यापकों का प्रतिनिधित्व करने वाले दोनों संगठनों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की।
श्री श्रीवास्तव से मुलाकात के क्रम में सबसे पहले मुरलीधर पाटीदार के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल पहुंचा परंतु उन्होनें ज्यादा समय चर्चा न करते हुए कुछ दस्तावेज श्री मनोज श्रीवास्तव को सौंपे। संक्षिप्त चर्चा हुई और प्रतिनिधि मण्डल रवाना हो गया। चर्चा के बाद भी श्री पाटीदार की ओर से कोई अपडेट प्रदान नहीं किया गया। समाचार लिखे जाने तक पाटीदार की ओर से कोई जानकारी नहीं आई थी।
इधर मनोहर दुबे के नेतृत्व में मुलाकात के लिए गए प्रतिनिधि मण्डल में दिग्विजय सिंह चौहान, बलराम पंवार, अजीत पाल यादव, असीम शर्मा, मनेन्द्र रघुवंशी दिनेश साल्वी एवं गुरुजी संघ के प्रांताध्यक्ष रमाकांत पाण्डेय शामिल थे।
मुलाकात के बाद श्री अजीत पाल ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि अध्यापकों को 6वां वेतनमान दिए जाने के विषय पर प्रशासनिक सहमति बन गई है। उन्होंने बताया कि अभी अध्यापकों के मूल वेतन में 1.68 का गुणा किया जाता है जो इस प्रस्तावित आदेश जारी होने के बाद 1.86 से तब्दील हो जाएगा।
श्री पाल ने बताया कि इसके अलावा यह भी सहमति बन गई है कि 6वां वेतनमान का लाभ सभी अध्यापकों को एक साथ प्रदान किया जाएगा। सनद रहे कि छत्तीसगढ़ में इस मामले में 8 साल से अधिक सेवाएं देने वालों को ही चुना गया है।
मीटिंग के दौरान संविलियन के विषय पर श्री श्रीवास्तव ने कानूनी समस्याओं से मंडल को अवगत कराते हुए प्रस्ताव दिया कि एक परीक्षा का आयोजन कर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इस मामले में प्रतिनिधि मंडल की ओर से कोई प्रतिक्रिया मीटिंग में व्यक्त नहीं की गई।
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह कि इस बार हुई मीटिंग में शासन की ओर से 6वां वेतनमान के लिए सहमति बन गई है, परंतु अभी यह तय नहीं हुआ है कि इस हेतु प्रक्रिया कब प्रारंभ होगी एवं 6वां वेतनमान का लाभ किस तारीख से दिया जाएगा।