भोपाल। पहला पहला .... से लेकर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नि तक चले डबल मीनिंग भाषण के बाद मंत्री विजयशाह बैकफुट पर आ गए हैं। हंगामा होने के बाद उन्होंने कहा कि 'यदि किसी को दुख हुआ है तो मैं इसके लिए 10 बार माफी मांगता हूं'। मांगना तो थी ही, न मांगते तो कुर्सी भी जाती और टिकिट भी।
मध्यप्रदेश के इंदौर आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने कहा कि उनके भाषण को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया. विजय शाह ने झाबुआ में सैकड़ों शिक्षिकाओं और छात्राओं की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में कथित तौर पर 'डबल मीनिंग' भाषण देकर राज्य की बीजेपी सरकार को असहज स्थिति में डाल दिया.
अपने विवादास्पद भाषण के बाद शाह ने कहा, ‘अगर मेरे भाषण से किसी को थोड़ा सा भी दुख हुआ हो, तो मैं इसके लिये 10 बार माफी मांगता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से दुखी हूं कि हास-परिहास के मूड में दिये गये मेरे भाषण को गलत तरह से लिया गया.’
प्रदेश के आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ने दावा किया कि उनके भाषण को मीडिया के एक हिस्से में ‘तोड़-मरोड़कर’ पेश किया गया. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान असल में क्या कहा था, तो उन्होंने कहा, ‘मैं अब इस चक्कर में नहीं पड़ना चाहता. मैं बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहता.’
शाह ने 13 अप्रैल को झाबुआ में एक ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान कहा था, ‘पहला-पहला जो मामला होता है, वह आदमी भूलता नहीं. भूलता है क्या? बच्चे समझ गये होंगे.’
इस मामले में हम पूर्व में भी वो वीडियो दिखा चुके हैं जिसमें स्पष्ट पता चल रहा है कि मंत्रीजी ने क्या कहा। एक बार फिर हम उसी वीडियो को आपके लिए बतौर रिफरेंस पेश कर रहे हैं, आप ही देखिए क्या कुछ कहा मंत्रीजी ने छात्राओं और महिलाओं के बीच:—