भोपाल। ईमानदार और भ्रष्ट अफसरों के बीच विवाद के कारण अक्सर चर्चाओं में रहने वाला वनविभाग इस बार डीएफओ बरोनिया की एक चिट्ठी से फिर चर्चाओं में आ गया है। वनमंत्री ने इस मामले में मुख्य वन संरक्षक आरएस नेगी को बुलाकर पूछताछ की एवं पीसीसीएफ नरेंद्र कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा।
वन मंत्री सरताज सिंह ने बड़वानी डीएफओ एके बरोनिया द्वारा भोपाल में पदस्थ दो आईएफएस अफसरों पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक आरएस नेगी को अपने बंगले में बुलाकर पूरी स्थिति की जानकारी ली।
वनमंत्री ने इस प्रकरण को गंभीर मानते हुए कहा कि डीएफओ बरोनिया की शिकायत की हकीकत जानने के अलावा दोनों आईएफएस अधिकारियों एएस अहलावत व केपी सिंह से भी पूछताछ की जाए। इस मामले की जांच पीसीसीएफ नरेंद्र कुमार को सौंपी गई है।
यह है मामला
बड़वानी डीएफओ व आईएफएस अधिकारी एके बरोनिया ने भोपाल वन मुख्यालय में पदस्थ अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) एएस अहलावत और मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) केपी सिंह पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।
बरोनिया ने खंडवा के मुख्य वन संरक्षक को लिखे पत्र में कहा है कि ग्रीन इंडिया मिशन की गड़बड़ियों की बात कहकर दोनों अफसर लगातार उनसे अनुचित मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, भले ही आत्महत्या करनी पड़े, किंतु उनकी मांगें नहीं मानूंगा।
उधर, सीसीएफ केपी सिंह का कहना है कि ग्रीन इंडिया मिशन के माइक्रो प्लान में खामियां पाए जाने पर बरोनिया के खिलाफ जांच शुरू की गई है। इसी कारण वे अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। एपीसीसीएफ एएस अहलावत ने कहा कि सात जिलों में ग्रीन इंडिया मिशन का काम शुरू हुआ है। बरोनिया ने बिना प्रोसेस और गाइड लाइन पूरी किए अपने जिले में काम शुरू कर दिया। इसका स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनसे कोई अनुचित मांग नहीं की गई।
बार-बार भोपाल आने का दबाव
बरोनिया में पत्र में लिखा कि कभी रेंज अफसर, कभी उप वन मंडल अधिकारी को, तो कभी उन्हें बुलाया जा रहा है। रेंज अफसर को अलग-अलग तिथियों में बुलाया भी जा चुका है। उल्लेखनीय है कि वन विभाग में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) का एक स्थाई निर्देश है कि कोई भी डीएफओ बिना पीसीसीएफ की अनुमति के मंडल नहीं छोड़ेगा और न ही भोपाल वन मुख्यालय आएगा। पीसीसीएफ आरएस नेगी ने कहा कि यह सही है कि पत्र आया है। प्रकरण गंभीर है, इसकी जांच की जाएगी।करोड़ों के काम
जानकारी के मुताबिक ग्रीन इंडिया मिशन के तहत प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में इस समय करोड़ों रुपए का काम चल रहे हैं।पत्र में मोबाइल कॉल का उल्लेख
बरोनिया ने पत्र में केपी सिंह द्वारा एक ही दिन (14 मार्च 2013) में किए गए आठ मोबाइल कॉल और 15 मार्च 2013 को अहलावत द्वारा लगभग 3.30 बजे किए गए फोन का भी उल्लेख भी किया है। इस बारे में बरोनिया से बात की गई तो उन्होंने चिट्ठी लिखे जाने के मामले में कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।इस मामले को मध्यप्रदेश के सबसे बड़े हिन्दी अखबार दैनिक भास्कर ने उजागर किया एवं दावा किया है कि पत्र की प्रति ‘भास्कर’ के पास मौजूद है। यदि आपके पास भी है इस संदर्भ में कोई अपडेट तो कृपया नीचे कमेंट बॉक्स में शेयर करें या हमें मेल करें।
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