जनगणना पर्यवेक्षकों से काम लिया अर्जेंट, पेमेंट कर रहे हैं डिले

भोपाल। भोपालसमाचार.कॉम के एक अज्ञात मित्र ने अपना नाम छिपाते हुए जनगणना पर्यवेक्षकों के दर्द को बयान करने की कोशिश की है। वही जनगणना जिसमें हर काम अर्जेंट हुआ, पर्यवेक्षकों को अवकाश तक नहीं दिया गया, परंतु जब भुगतान की बारी आई तो पता नहीं क्यों ये 'अर्जेंट' शब्द गायब हो गया। काम लेने वाले मंदसौर कलेक्टर भी पेमेंट नहीं दिला पाए, अंतत: यह खुला—खत संचालक ग्रामीण रोजगार विकास आयुक्त कार्यालय के नाम लिखा गया।

हम इस खुले खत को शब्दश: प्रकाशित कर रहे हैं। आप भी पढ़िए काम पूरा होने के 13 महीने बाद भी कितनी शालीनता से मांग रहे हैं अपना वेतनमान। अब देखना यह है कि क्या बिना आंदोलन, घेराव या चक्काजाम के इनकी समस्या हल हो पाएगी। फिलहाल पढ़िए यह खुला खत।


    श्रीमान् संचालक महोदय
    ग्रामीण रोजगार
    विकास आयुक्त कार्यालय
    म.प्र. भोपाल
विषय:- सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 की पर्यवेक्षकों के मानदेय की राशि
         प्रदान करने बाबत्।
संदर्भ:- श्रीमान् का पत्र क्रं./17755/22/वि-6/सा.आ.ज./26/11, भोपाल दिनांक 22/12/2011
महोदय,
        उपरोक्त विषय एवं संदर्भ में श्रीमान् से विनम्र निवेदन है कि श्रीमान् के संदर्भित आदेशानुसार सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 हेतु प्रगणक एवं पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई एवं आदेशानुसार उक्त कार्य के मानदेय की राशि का भुगतान होना था किन्तु उक्त कार्य समाप्त होने के 1 वर्ष से अधिक समय लगभग 13 माह होने पश्चात् भी आज दिनांक तक सुपरवाईजरों (पर्यवेक्षकों) को मानदेय की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। इस संबंध में पूर्व में भी श्रीमान् जिलाधीश महोदय मंदसौर को अवगत कराया गया है किन्तु सुपरवाईजरों को मानदेय की राशि का भुगतान आज दिनांक तक नहीं हुआ है।
        अतः श्रीमान् से विनम्र निवेदन है कि शीघ्र-अतिशीघ्र सुपरवाईजरों को मानदेय की राशि का भुगतान करवाने की कृपा करें।    

अब देखिए इस मामले के सर्पोटिंग डाक्यूमेंट्स



आप भी लिख सकते हैं खुलाखत

यदि आपको दिखाई देती है सरकार या समाज में कोई ऐसी विसंगति जिसकी ओर ध्यानाकर्षण कराया जाना चाहिए तो आप भी खुलाखत लिख सकते हैं। यदि आप चाहेंगे तो आपका नाम व नंबर गोपनीय रखा जाएगा, एवं आपकी अनुमति पर प्रकाशित भी किया जा सकता है।


  • कृपया ध्यान दें


  1. खुलाखत में केवल उन बिन्दुओं का खुलासा करें जिनके विषय में पूर्व में किसी ने खुलासा नहीं किया है। ज्वलंत मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं एवं विचार कृपया न लिखें। 
  2. कृपया स्पष्ट रूप से बताएं कि आप अपना नाम गोपनीय रखना चाहते हैं। यदि आप इसका उल्लेख नहीं करेंगे तो आपका नाम व नंबर प्रकाशित कर दिया जाएगा। 
  3. कृपया अपने नाम के साथ निवास का पता एवं नंबर अवश्य प्रेषित करें ताकि लोग आपको सीधे साधुवाद दे सकें। 
  4. कृपया अपने मध्यप्रदेश को केन्द्र में रखते हुए ही लिखें। 
  5. यह खुलाखत किसी भी व्यक्ति, संस्थान, अधिकारी, मंत्री या मध्यप्रदेश के नाम हो सकता है। 
  6. तो फिर देर किस बात की। लिख डालिए। और भेज दीजिए editorbhopalsamachar@gmail.com पर

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