भोपाल। यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महर्षि स्कूल की शिक्षिका का नाम उजागर करने के मामले में महर्षि महेश योगी शिक्षण संस्थान के सचिव गिरीश वर्मा बुधवार को भी महिला थाने नहीं पहुंचे। उन्होंने अपना स्टेटमेंट सीडी में रिकॉर्ड करके महिला थाने पहुंचाया। उन्होंने कुछ पत्र और ई-मेल की कॉपी भी भेजी हैं।
इसके बाद पुलिस ने महर्षि स्कूल रतनपुर की शिक्षिका के पति राजेश शर्मा को थाने बुलाया। इधर, महर्षि महेश योगी संस्थान के अधिकारी भुवनेश शर्मा, यतीश सक्सेना और टीपी कांडा के बयान फिलहाल दर्ज नहीं हुए हैं। पुलिस इन्हें एक बार फिर नोटिस भेजने की तैयारी में है।
महर्षि शिक्षण संस्थान में कार्यरत एक कर्मचारी ने सुबह आठ बजे गिरीश वर्मा के स्टेटमेंट की सीडी सहित कुछ दस्तावेज महिला थाने की एसआई सीमा पटेल को दिए। इसके बाद शिक्षिका के पति राजेश शर्मा को बयान के लिए बुलाया गया। तकरीबन डेढ़ घंटे चले बयान में शर्मा ने कहा कि महिला थाने में प्रस्तुत सीडी को वे जब तक देख नहीं लेते, तब तक कुछ नहीं कह सकते।
इस मामले में जहांगीराबाद सीएसपी सलीम खान का कहना है कि जांच चल रही है। इसलिए वो इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे।
मानहानि का नोटिस भेजा थाने
शिक्षिका और उसके पति को वर्मा ने जो मानहानि का नोटिस भेजा था। उसकी प्रतिलिपि महिला थाने समेत डीजीपी, आईजी भोपाल और एसपी दक्षिण को भी उपलब्ध कराई गई है।
सीडी साक्ष्य के ग्राह्य नहीं
पुलिस द्वारा बयान दर्ज कराने के लिए भेजे नोटिस के बाद यदि कोई व्यक्तिपुलिस के सामने बयान दर्ज नहीं कराता और उसकी जगह स्टेटमेंट के लिए सीडी भेजता है तो उसे साक्ष्य अधिनियम के तहत ग्राह्य नहीं माना जाता। साक्ष्य अधिनियम के तहत बयान के प्रमाणीकरण का अधिकार पुलिस या कोर्ट को है। इसमें जब तक पुलिस के सक्षम अधिकारी के सामने बयान नहीं होते और सक्षम अधिकारी उसे प्रमाणित नहीं करता, तब तक ऐसा बयान या स्टेटमेंट बेमानी रहता है।
रवींद्र तिवारी, एडवोकेट