भोपाल। पारिवारिक जमीन के बंटवारे के विरुद्ध स्थगन दिलाने के नाम पर 25 हजार रुपए की रिश्वत लेने वाले ग्वालियर राजस्व मंडल के दो बाबुओं को लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को रंगे हाथों पकड़ लिया। मामले का रोचक पहलू यह है कि कार्रवाई के दौरान बिल्डिंग के बाहर मौजूद राजस्व मंडल में प्रमुख सचिव स्तर के एक आईएएस अफसर मनोज गोयल गायब हो गए।
आईएएस श्री गोयल की मामले में संलिप्तता को लेकर लोकायुक्त पुलिस पड़ताल कर रही है। उनकी भूमिका होने पर उन्हें भी आरोपी बनाया जा सकता है। लोकायुक्त पुलिस के अनुसार अनुसार माहीपुरा निवासी कमल किशोर पुत्र बद्रीलाल का पारिवारिक जमीन के बंटवारे का विवाद उज्जैन कलेक्टर कार्यालय में विचाराधीन था।
सुनवाई के दौरान उज्जैन कलेक्टर कार्यालय ने जमीन के बंटवारे का निर्णय दिया था। इसे चुनौती देते हुए कमल किशोर ने उज्जैन संभागायुक्त कार्यालय में याचिका दायर की। संभागायुक्त ने भी सुनवाई के बाद कलेक्टर कार्यालय के निर्णय पर सहमति दी। इसके बाद उसने निर्णय के स्थगन के लिए मोती महल ग्वालियर स्थित राजस्व मंडल मुख्यालय में अपील दायर की। इस पर निर्णय के लिए 23 मार्च 2012 की पेशी लगी थी। अपील के संबंध में स्थगन लेने के लिए कमल ने मोबाइल फोन कर ग्वालियर स्थित राजस्व मंडल के बाबू मुईद खान और रहमान से संपर्क किया। उन्होंने उसे गुरुवार से भोपाल में आयोजित निपटारा शिविर में बुलाया था। शुक्रवार सुबह संपर्क करने पर बाबुओं ने स्थगन के लिए 25 हजार रुपए की मांग की।
पीड़ित ने इसकी शिकायत, लोकायुक्त पुलिस भोपाल में दर्ज कराई। तय योजना के तहत रिश्वत की रकम के साथ पीड़ित को दोपहर ढाई बजे पुराना सचिवालय स्थित राजस्व मंडल की बिल्डिंग में भेजा गया। हॉल में पैसे लेते ही लोकायुक्त डीएसपी आरएस रघुवंशी, इंस्पेक्टरों मनोज मिश्रा, सुनील लाट, वीके सिंह ने बाबुओं को रंगे हाथों दबोच लिया।