भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार से उसी के कर्मचारियों की नाराजगी का क्रम लगातार जारी है। संविदरा शिक्षक एवं दैनिक वेतन भोगियों सहित तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के बाद अब हाईक्वालीफाइड डॉक्टर्स भी सरकार के सामने शक्तिप्रदर्शन की तैयारियां कर रहे हैं ताकि सरकार को उनकी बात समझ आ सके।
सनद रहे कि दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाली मध्यप्रदेश सरकार अपने ही कर्मचारियों को सबसे कम वेतन भी देती है। डॉक्टरों को यह बात कतई मंजूर नहीं है। अपनी मांगों के संदर्भ में अभी तक उन्होंने बहुत ही शालीनता के साथ सरकार के सामने अपना पक्ष रखा परंतु कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
पिछले दिनों मेडीकल टीचर्स ने एक दिन काम बंद करके अपने आक्रोश का संकेत भी दिया परंतु सरकार की ओर से कोई पॉजिटिव मैसेज नहीं मिला।
अब मध्यप्रदेश के तमाम डॉक्टर लामबंदी कर रहे हैं। प्लानिंग यह है कि सब के सब एक साथ एक दिन के लिए काम बंद कर दें। यदि ऐसा हुआ तो उस एक दिन में सारी की सारी व्यवस्थाएं चरमरा जाएंगी। पिछली दफा इमरजेंसी में काम किया गया था परंतु इस बार इमरजेंसी में काम नहीं करने की योजना है।
अनुमान है कि यह हंगामा होली के बाद अप्रैल के फर्स्टवीक में होगा। देखते हैं इस हंगामे के बाद डॉक्टरों की सुनवाई हो पाती है या नही।