भोपाल। वनविभाग में एक अधिकारी को महज पेंशन का लाभ पहुंचाने के लिए तमाम नियमों का गैंगरेप कर दिया गया। ऐके जैन को मात्र दो घंटे के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक बनाया गया और उसके बाद वो रिटायर हो गए।
श्री जैन को फायदा पहुंचाने के लिए पूरी की पूरी शिवराज सरकार तत्पर थी। शनिवार शाम चार बजे प्रमोशन आदेश जारी हुआ। जैन खुद आदेश लेने मंत्रालय गए। तत्काल बाद पीसीसीएफ (कार्ययोजना) कार्यालय जाकर पदभार भी ग्रहण कर लिया। शाम छह बजे वो रिटायर हो गए।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि भारतीय वन सेवा के 1979 बैच के अधिकारी एके जैन के प्रमोशन के लिए पीसीसीएफ (कार्ययोजना) नरेंद्र कुमार ने 24 मार्च को आनन-फानन में अवकाश पर चले गए थे, ताकि जैन को चार्ज दिलाया जा सके। इसकी वजह यह थी कि पीसीसीएफ का पद रिक्त नहीं था।
नरेंद्र कुमार के अवकाश पर जाने से पीसीसीएफ (कार्ययोजना) का पद रिक्त हो जाएगा और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) जैन को पीसीसीएफ पद पर प्रमोशन मिल जाएगा। पीसीसीएफ पद पर पदोन्नति के लिए एके जैन की डीपीसी सितंबर 2012 में ही हो गई थी, लेकिन पद नहीं होने के कारण वे एपीसीसीएफ (सतर्कता) के पद पर कार्यरत रहे।
पहले भी हुई कोशिश
नरेंद्र कुमार ने पूर्व में भी 18 से 30 मार्च तक अवकाश पर रहने का आवेदन दिया था। इस पर वन विभाग ने केंद्र सरकार से मार्गदर्शन मांगा था। साथ ही शासन स्तर पर प्रमोशन की कवायद शुरू कर दी थी, लेकिन यह बात सामने आई कि एक माह तक पद रिक्त होता है, तभी प्रमोशन दिया जाएगा। इसके बाद 15 मार्च को नरेंद्र कुमार ने यह कहकर अवकाश का आवेदन वापस ले लिया कि उनका रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं हुआ। जब यह संकेत मिले कि प्रमोशन हो सकता है तो 24 मार्च को नरेंद्र कुमार ने दोपहर बाद फिर से अवकाश पर जाने का आवेदन दिया और चार्ज भी सौंप दिया।
इन्हें भी दिया फायदा
राजस्व विभाग के अनुभाग अधिकारी आरके सक्सेना को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक लाभ देने के लिए प्रमोशन दिया गया। सक्सेना शनिवार को रिटायर हो गए हैं। लेकिन इससे पहले उन्हें अवर सचिव के पद पर प्रमोशन दिया गया। राज्य शासन ने पुनर्वास विभाग के अनुभाग अधिकारी को भी पदोन्नत कर अवर सचिव बनाया है।