भोपाल। बिल्डर और किसानों ने मिलकर 20 एकड़ सरकारी जमीन, प्लॉट काट कर ढाई सौ लोगों को बेच दी। जांच में खुलासा होने के बाद अब जिला प्रशासन ने जमीन को वापस सरकारी खाते में दर्ज करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके साथ ही बेचने और खरीदने वालों के बीच विवाद की स्थिति बनने पर पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
इस गोरखधंधे का खुलासा बैरागढ़ एसडीएम चंद्रमोहन मिश्रा की जांच में हुआ है। दरअसल इस मामले की शुरुआत तब हुई, जब लाउखेड़ी में पंचवटी सोसायटी में प्लॉट खरीदने वाले लोग कब्जा न मिलने की शिकायत लेकर कलेक्टोरेट पहुंचे थे। उन्होंने कलेक्टर निकुंज कुमार श्रीवास्तव को खरीदे गए प्लाट पर कब्जा न मिलने की शिकायत की।
इस पर कलेक्टर ने एसडीएम बैरागढ़ को जांच के निर्देश दिए थे। जांच में पाया गया कि लाउखेड़ी में खसरा क्रमांक 205,206, 207, 208, 209, 210, 211,212, 213, 216, 277 ,297 और 304 की करीब 20 एकड़ जमीन पर पंचवटी सोसायटी के नाम पर आवासीय कालोनी बनाने का झांसा देकर बिल्डर रमाकांत विजयवर्गीय ने किसानों के साथ एग्रीमेंट किया, लेकिन रजिस्ट्री उसके नाम पर भी नहीं है।
झांसे में आकर करीब ढाई सौ लोगों ने वहां प्लॉट की बुकिंग कराई और पूरी राशि विजयवर्गीय को दे दी। इसके बाद लोगों ने रजिस्ट्री कराने का दबाव बनाया तो वह फरार हो गया। बाद में पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, जोकि अभी जेल में हैं।
अब किसानों ने भी पलटी मारी
कल तक जमीन को अपनी बताकर एग्रीमेंट करने वाले किसान भी अब पलटी मार गए हैं। दो पक्षों में बंटे किसानों का कहना है कि, उन्होंने किसी के नाम से भी न तो एग्रीमेंट किया और न ही किसी को प्लॉट की रजिस्ट्री करवाई। किसान रमाकांत विजयवर्गीय से किसी प्रकार का एग्रीमेंट होने से साफ इंकार कर रहे हैं। इसके चलते प्लॉट खरीदने वालों और किसानों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है।