सुरेश सोनी ने किए एक तीर से दो शिकार, ताई घायल, शिवराज पर वार

भोपाल। कुछ दिनों पहले तक शिवराज सिंह की मान मनोव्वल में लगे प्रभात झा ने शिवराज सिंह को बिल्कुल वैसा ही झटका दिया है जैसा शिवराज सिंह ने उन्हें दिया था। सूत्र संचालक सुरेश सोनी के नेतृत्व में जहां उन्होंने ताई को घायल कर डाला तो शिवराज पर भी जोरदार वार किया है।

सनद रहे कि अपनी दूसरी पारी के लिए पूरी तरह से आश्वस्त प्रभात झा को शिवराज सिंह चौहान ने कुछ इस तरह से साफ कर दिया था कि मध्यप्रदेश सहित भाजपा की पूरी राष्ट्रीय राजनीति हिल गई थी। यह जानते हुए भी कि प्रभात झा, सुरेश सोनी के कार्ड पर खेल रहे हैं, शिवराज सिंह चौहान ने किसी का मान नहीं रखा और झा को उड़ा डाला। स्वयं प्रभात झा ने इस घटनाक्रम को अटलजी के पोखरण विस्फोट जैसा गोपनीय करार दिया था।

माना जा रहा था कि शिवराज सिंह चौहान की भाजपा पर मजबूत पकड़ बन गई है एवं रिपीट होने जा रहे नागपुर के नितिन गडकरी से भी उनकी जबर्दस्त ट्यूनिंग जमी हुई थी परंतु राजनाथ सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही शिवराज सिंह का वजन कम होने के अनुमान लगाए गए थे।

राजनाथ सिंह को मैनेज करने के लिए भी शिवराज सिंह चौहान ने एक कदम आगे बढ़कर काम किया। उन्हें मध्यप्रदेश आमंत्रित किया गया और तमाम सम्मान भेंट किए गए। शिवराज के मैनेजर्स का मानना था कि राजनाथ सिंह खुश हो गए हैं और अब संकट की कोई बात नहीं है।

परंतु शिवराज विरोधी खेमे के सूत्र संचालक सुरेश सोनी अपने तई जुटे हुए थे। अनुमान यह भी था कि इन्दौर की सांसद सुमित्रा ताई को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया जाएगा। यह लगभग फाइनल भी था, परंतु ताई भी प्रभात विरोधी थीं। प्रभात की वापसी पर ताई ने कड़ी आपत्ति जताई थी। यहां तक कह डाला था कि यदि प्रभात प्रदेश अध्यक्ष बने तो मैं अगला चुनाव नहीं लडूंगी।

आज राष्ट्रीय कार्यसमिति में प्रभात झा को उपाध्यक्ष बनवाकर सुरेश सोनी ने दोनों से एक साथ बदला ले लिया है। ताई की सीट पर प्रभात को बिठाकर यह संदेश साफ कर दिया गया है कि प्रभात झा का कद ताई से कम नहीं है और शिवराज सिंह चौहान को भी यह संदेश साफ दे दिया गया है कि भाजपा पर उनका पट्टा नहीं है। कब्जा करने की कोशिश ना करें। मुख्यमंत्री हैं, मुख्यमंत्री ही रहें।

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