सीहोर। सोमवार की दोपहर में विशेष न्यायाधीश भष्ट्राचार निवारण अधिनियम श्री आरपी मिश्रा ने रिश्वत के आरोपी राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी को सजा सुनाई है। दो अलग अलग धाराओं में कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई गई है। अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज सक्सेना द्वारा पैरवी की गई।
अभियोजन के अनुसार 5 सितम्बर 2005 को भोपाल निवासी जफर बाशिद द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गई थी कि इछावर तहसील के ग्राम झालपीपली में उनकी भूमि पर गुफराने आजम और रामचरण का कब्जा है, इस कब्जे को दिलाने के संदर्भ में नायाब तहसीलदार इछावर द्वारा 4 जुलाई 2005 को आदेश दिया गया था, इस आदेश का परिपालन करने के लिए राजस्व निरीक्षक बसंत नरोले और पटवारी लखन लाल दाहिमा को आदेश दिए गए थे। नायाब तहसीलदार के आदेश के परिपालन करने की ऐवज राजस्व निरीक्षक बसंत नरोले द्वारा तीन हजार रुपए और पटवारी लखन दाहिमा द्वारा दो हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई।
इनकी रिश्वत की मांग को पूर्ति करने के लिए जफर बाशिद द्वारा हामी भरते हुए लोकायुक्त को आवेदन दे दिया जिस पर 8 सित बर 2005 को ट्रेप करने की योजना बनाई गई जफर बाशिद द्वारा तय शुदा राशि इनके कमरे में दी गई जिसे गिनकर इन्होंने अपने अपने पेंट और शर्ट की जेब में रख ली गई तभी लोकायुक्त पुलिस द्वारा छापा मारकर उपरोक्त राशि इनकी पेंट और शर्ट की जेब से बरामद कर ली गई।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा इस मामले में चालान वर्ष 2006 में चालान प्रस्तुत किया गया जिस पर सोमवार की दोपहर में विशेष न्यायाधीश भष्ट्राचार निवारण अधिनियम श्री आरपी मिश्रा ने धारा 7 में छह माह के कारावास और दो हजार रुपए के जुर्मानें की सजा सुनाई तथा धारा 13/1 डी और 13 (2) भष्ट्राचार निवारण अधिनियम में एक वर्ष के कारावास और तीन हजार रुप के अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की ओर से कुल 11 गवाह कराए गए विशेष लोक अभियोजक मनोज सक्सेना द्वारा पैरवी की गई।