भोपाल। मध्यप्रदेश में दवा माफिया के चैनल पार्टनर तत्कालीन स्वास्थ्य संचालक अशोक शर्मा के खिलाफ अंतत: लोकायुक्त ने चालान पेश कर ही दिया। सनद रहे कि डॉक्टर योगीराज के बाद, अशोक शर्मा ने भी उनकी ही परपरा को आगे बढ़ाया और मध्यप्रदेश में सर्किट दवा माफिया को खुला संरक्षण दिया।
शासन स्तर पर इस नेटवर्क की पकड़ इतनी मजबूत थी कि खुलेआम स्वत: सिद्ध प्रमाणित मामलों की दस्तावेजी शिकायतों के बावजूद अशोक शर्मा को बार बार विभागीय जांच में क्लीन चिट दी जा रही थी। अंतत: लोकायुक्त में शिकायत हुई, छापा पड़ा और फिर निकला करोड़ों की काली कमाई का रिकार्ड।
अदालत ने अशोक शर्मा की ओर से पेश जमानत याचिका को मंजूर कर 50-50 हजार रुपए की जमानत और इतनी ही राशि के निजी मुचलके पर उन्हें रिहा किए जाने के आदेश दिए। लोकायुक्त पुलिस ने मंत्री अजय बिश्नोई और आईएएस अफसर राजेश राजौरा तथा एमएम उपाध्याय को क्लिन चिट दे दी है।
पुलिस के अनुसार स्वास्थ्य संचालक शर्मा ने वर्ष 2007 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निदेर्शों के विरुद्ध 32 लाख रुपए की एंटी टीबी दवाई की खरीदी की थी। इस दवा की सप्लाई केंद्र सरकार को करनी थी। लोकायुक्त पुलिस ने वर्ष 2009 में अशोक शर्मा के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया था। लोकायुक्त पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर प्रकरण को अभियोजन स्वीकृति के लिए राज्य सरकार के पास भेजा था। पिछले हμते राज्य सरकार ने शर्मा के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की थी।