राघौगढ़। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की पत्नी आशा सिंह के निधन पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शोक संवेदना व्यक्त किया। उन्होंने श्री सिंह से फोन पर 20 मिनट बात की और अंत्येष्टि में शामिल नहीं होने पर अफसोस भी जताया।
असम के उद्योगमंत्री प्रधुप्त बौधलोई और आंध्रप्रदेश सरकार के दो मंत्री भी अंत्येष्टि के अगले दिन राघौगढ़ पहुंचे और उन्होंने श्रीमती सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और श्री सिंह को ढांढस बंधाया।
शंकराचार्य स्वरूपानंद जी महाराज के प्रतिनिधि शोक संवेदना भरा पत्र लेकर राघौगढ़ पहुंचे और उन्होंने महाराजश्री की संवेदनाओं से श्री सिंह को अवगत कराया। उल्लेखनीय है कि बुधवार देरशाम श्रीमती सिंह का दिल्ली में निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को राघौगढ़ के धीरपुर में किया गया। इस मौके पर मप्र, राजस्थान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सहित 7 केंद्रीय मंत्री, धर्माचार्यों सहित बढ़ी संख्या में वीवीआईपी शामिल हुए थे।
राघौगढ़ राजघराने की रानी श्रीमती सिंह के निधन से समूचे क्षेत्र में शोक की लहर है। चौथे दिन भी किला परिसर में पहुंचकर श्री सिंह को ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा रहा। मप्र और छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से राजनीतिक लोग, विधायक और सांसदों का आना जाना लगा रहा।
13 दिनों तक वन वे रहेगा मार्ग: राघौगढ़ में वीवीआईपी का आना जाना लगा हुआ है। यह देखते हुए बड़ी संख्या में यहां फोर्स तैनात की गई है। प्रशासन ने व्यवस्था बनाने के लिए मार्गों को एकांकी किया है। यह व्यवस्था 13 दिन तक रहेगी।
