बोल भैया बोल, सरकार टिकेगी की नहीं

राकेश दुबे@प्रतिदिन। डीएमके के समर्थन वापसी के बाद से केंद्र सरकार को हर कोई आँखे दिखा रहा है कल तक मुलायम सिंह कान उमेठ रहे थे, आज से ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस्तीफा मांगना  शुरू कर दिया है| शेयर बाज़ार और सट्टा बाज़ार में उठाव गिराव के गणित लगना शुरू हो गये हैं|

बेईमान और धोखेबाज़ जैसे विशेषण से कांग्रेस को विभूषित करने वाले मुलायम सिंह के  जवाब में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज बोले हैं| सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी| इसके विपरीत सब जानते है, अगर मायावती और मुलायम सिंह मजबूर नहीं होते तो शायद  अल्पमत सरकार, कार्यवाहक बन चुनाव करा रही होती|

गठबंधन सरकारों की स्थिति यही होती है सबकी सुनें और किसी से कुछ न कहें| बड़ी जुगत से सरकार चलना होता  है- साम, दाम दंड और भेद| अब देखिये, साथी कह रहे सरकार अल्पमत में है, एन डी ए के संयोजक शरद यादव सहमत नहीं| शरद यादव को भरोसा है की सरकार 2014 तक चल जाएगी| मुलायम सिंह समझौता नही तोड़ रहे है, पर सरकार को छोड़ भी नही रहे है| स्टॅलिन की दशा से सब परिचित हो ही गये है|

बाज़ार का अनुभव अपना है, सट्टा बाज़ार का मानना है| सरकार अक्तूबर तक गिर जाएगी और नवम्बर तक चुनाव होंगे| चुनाव का सबसे बड़ा रणक्षेत्र उत्तर प्रदेश होगा और वहां माया –मुलायम समीकरण को साधने में सरकार के पास एक ही औजार है – सीबीआई| वैसे कभी-कभी बोलने वाले मनमोहन सिंह के बोलने का असर हुआ है| दूसरी और कांग्रेस के राहुल भक्त उन्हें[राहुल बाबा] प्रधानमंत्री बनाने पर आमादा है| कुछ भी हो सकता है , परन्तु एक बात यह तय है की चुनाव कभी भी हो नेतृत्व परिवर्तन पक्का है|

  • लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं।

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