अंधो में काना राजा बने हैं शिवराज सिंह, सिर्फ चार पिछड़े राज्यों से आगे है मध्यप्रदेश

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि उनके शासन काल में मध्यप्रदेश का यह दुर्भाग्य आ गया है कि उसे अपनी विकास दर की तुलना ऐसे राज्य से करना पड़ रही है जिसे पूरे देश में सबसे पिछड़ा राज्य माना जाता है।

श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार अंधो में काना राजा की सरकार है जो बिहार, छत्तीसगढ़, ओडि़सा और झारखण्ड मात्र चार राज्यों में अपने को बेहतर मानकर पूरे देश में अव्वल होने की बात कह रही है जबकि शिवराज सिंह चौहान को मालूम होना चाहिए की देश में 28 राज्य है। इन राज्यों की विकास दर की स्थिति क्या है इस पर शिवराज सरकार का सरकारी प्रेसनोट मौन क्यों है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अब झूठ बोलने और प्रदेश की जनता को गुमराह करने से बाज आएं।

नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी से शिवराज सिंह चौहान जमीनी हकीकत को बदल नही सकते। जमीनी हकीकत यह है कि 9 साल में सत्रह हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या उनके ही राज में की है। आज शिशु और मातृ मृत्यु दर में प्रदेश अव्वल है। शिक्षा की स्थिति बदतर है। अस्पतालों में मरीजों को इलाज उपलब्ध नहीं है, मध्यप्रदेश में महिलाओं के ऊपर बढ़ते अपराध से यहां का नागरिक कह रहा है कि ‘‘अगले जन्म में मोहे बिटिया न दीजो’’ पूरा प्रदेश भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ है।

मनरेगा में हो रहे अरबो रूपये के घोटाले के दवा घोटाले के जिम्मेदार मंत्रियों और बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है और छोटे को फंसाया जा रहा है। वास्तव में प्रदेश के हालात बदतर हो चुके है। नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि उनके यह आंकड़े उन्हें और उनकी पार्टी में खुशफहमी पैदा कर सकते है लेकिन इस प्रदेश की जनता हकीकत जानती है क्योंकि वह इसे भोग रही है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने आश्चर्य व्यक्त किया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री अंधो में काना राजा बनकर गर्व महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि जिस आधे अधूरे आंकड़ों पर वे देश में अपने को अव्वल बता रहे है वे मात्र चार राज्य है बाकी के राज्य की विकास दर क्या है इस पर शिवराज सरकार मौन क्यों है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा की शिवराज सरकार ने अपने को अव्वल बताने के लिए उस राज्य का जिक्र नहीं किया जो इन चारों राज्यों में विकास दर के मामले में सबसे आगे है और ये राज्य है केंद्र शासित पांडिचेरी जिसकी विकास दर 2011-12 में 2.40 प्रतिशत थी जो 2012-13 में 13.05 प्रतिशत हो गई है। श्री सिंह ने कहा कि जहां तक केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के द्वारा जारी आकड़ों की बात है तो ये वो आंकड़े है जो राज्य सरकार स्वयं भेजती है। इसलिए ये जो भी विकास दर है यह मध्यप्रदेश सरकार के भेजे गए आंकड़े है।

देश के डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों ने अपने प्रदेश के आंकड़े भेजे ही नहीं इसलिए मध्यप्रदेश की यह कथित विकास दर के कोई मायने नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की विकास दर में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष में 1.81 प्रतिशत की गिरावट हुई है। पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री ने अपनी विकास दर 11.81 प्रतिशत को 11.89 प्रतिशत बताकर जनता को ठगा था। श्री सिंह ने कहा कि कृषि विकास दर 18.81 बताने वाले शिवराज सिंह चौहान यह बताएं कि इस वर्ष यह दर घटकर 14 प्रतिषत क्यों रह गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को कृषि विकास दर बढ़ने के वे सारे आधार सार्वजनिक करना चाहिए जिस पर वे कह रहे थे कि पूरे देश में कृषि विकास दर के मामले में वे सबसे आगे है।

नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अब आंकड़ों की बाजीगिरी से और सौ बार झूठ बोलकर इस प्रदेश को ठग नहीं सकते। उनके राज्य की हकीकत जनता खुद देख रही है और 2013 का इंतजार कर रही है।

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