भोपाल। मांगें पूरी न होने से प्रदेश भर के मेडिकल टीचर्स एक बार फिर आंदोलन की राह पर हैं। इंदौर मेडिकल कॉलेज के बाद बुधवार को गांधी मेडिकल कॉलेज और सुल्तानिया अस्पताल के करीब 250 टीचरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।
मेडिकल टीचर्स ऐसोसिएशन का कहना है कि सरकार उनके साथ दोहरा खेल खेल रही है। पूर्व में चिकित्सा शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन सरकार ने आज तक आश्वासन पूरे नहीं किए। एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉक्टर नीलकमल कपूर के अनुसार पिछले कई वर्षों से हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है।
टीचरों ने वेतन पुनरीक्षण 2006 से लागू करने, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया के नियमों के तहत समय पर पदोन्नति समेत अन्य मांगों को लेकर काली पट्टी बांध कर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 22 मार्च को टीचर रैली निकालेंगे और 28 मार्च को कॉलेज प्रबंधन को मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे। डॉक्टर कपूर ने कहा कि सरकार मांगों को नहीं मानती है, तो अप्रैल माह में मेडिकल टीचर्स छुट्टी पर जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग की होगी।
अस्पतालों मे लगाए पोस्टर-बैनर
एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. दीपक एस मरावी का कहना है कि हम आम लोगों को अपने साथ हुई नाइंसाफी के बारे में बताना चाहते हैं। इसलिए अस्पताल में सभी जगह पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। इसके साथ ही शुक्रवार को एक आमचर्चा का आयोजन भी किया जाएगा।