भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व सांसद रघुनंदन शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार द्वारा दाखिल शपथ-पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण और सनातन धर्म विरोधी बताया है। कांग्रेसनीत यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत शपथ-पत्र में कहा है कि रामसेतु हिन्दु धर्म का आवश्यक अंग नहीं है।
प्रश्न यह है कि मर्यादा पुरूषोत्तम राम और उनके द्वारा बनाया गया रामसेतु यदि हिन्दु धर्म का अंग नहीं है तो फिर हिन्दु धर्म में शेष क्या बचता है। श्रीराम भारत की आत्मा है। जिस ढंग से केन्द्र सरकार देश की बहुसंख्यक जनता को अपमानित कर रही है इसे बर्दाष्त नहीं किया जा सकता है। तुष्टिकरण के लिए देश के स्वाभिमान और अस्मिता के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होनें कहा कि कांग्रेस ने बहुसंख्यकों की भावना को आघात पहुंचाने की परंपरा बना ली है। विदेषी तत्वों को खुश करने और तुष्टिकरण को परवान चढ़ाने के लिए हिन्दुओं का अपमान किया जाना राष्ट्रीय एकता के लिए घातक सिद्ध होगा।
रघुनंदन शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार अपना शपथ-पत्र वापस ले और सेतु-समुद्रम परियोजना को निरस्त कर बहुसंख्यक जनता की भावनाओं का सम्मान करें। भारतीय जनता पार्टी इस मुददे को पूरी आक्रामकता के साथ संसद में उठायेगी और सेतु-समुद्रम परियोजना को निरस्त करने के लिए विवश किया जायेगा।