भोपाल। मध्यप्रदेश् में संविदा शिक्षकों एवं अध्यापकों की हड़ताल के चलते परीक्षा प्रबंधन पूरी तरह से लचर हो गया है। हालात यह है कि मध्यप्रदेश के आधा दर्जन जिलों में तो दाई एवं आशा कार्यकर्ताओं को परीक्षा ड्यूटी पर लगाया गया।
खबर मिल रही है कि मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना एवं शाजापुर सहित करीब आधा दर्जन जिलों में प्रशासन ने दाई एवं आशा कार्यकर्ताओं को परीक्षा ड्यूटी पर लगाया। इसके अलावा किसी भी उपलब्ध व्यक्ति को अतिथि शिक्षक नियुक्त कर परीक्षा कार्य में लगाया गया। इसका पूरा विवरण अभी आना शेष है, परंतु पहले दिन मिल रहीं खबरों में स्पष्ट हो गया है कि आज हुईं परीक्षाएं केवल औपचारिकता मात्र रहीं।
अब चुनौती है 4 मार्च
मध्यप्रदेश में 12वीं की परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की संख्या मात्र 4 लाख थी और ज्यादातर परीक्षाकेन्द्र शहरी इलाकों में थे अत: जैसे तैसे काम चल गया परंतु मध्यप्रदेश शासन के सामने असली चुनौती 4 मार्च को आने वाली है जब कक्षा 10वीं के 11 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी होंगे और परीक्षा केन्द्र गांव गांव में मौजूद हैं।
9वीं व 11वीं में क्या करेगा शासन
12वीं एवं 10वीं की परीक्षाओं में वैकल्पिक प्रबंधन किया जा सकता है, क्योंकि यहां व्यवस्था में रहने वालों को मानदेय दिया जाता है परंतु 9वीं एवं 11वीं की परीक्षाओं में तो मानदेय भी नहीं दिया जाता। सवाल यह है कि ऐसी स्थिति में शासन क्या करेगा और कैसे इन परीक्षाओं को सम्पन्न कराएगा।