महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की हड़ताल: अधिकारी हुए नतमस्तक, मांगी माफी

सिवनी मालवा। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिवनी मालवा में पदस्थ महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने स्वास्थ्य विभाग के जिला अधिकारी डॉक्टर सुधीर जैसानी ने डॉक्टर चतुर्वेदी की और से मांफी मांगकर नतमस्तक हुए और महिलाओं से अधिकारियों ने मांफी मांगकर हड़ताल ना करने की गुजारिश की।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर चतुर्वेदी ने मांफी मांगी और दोबारा ऐसी गलती नहीं करने की बात कही जिसपर समस्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने हड़ताल निरस्त कर दी. बार बार जिला अधिकारियों के दबाव के कारण महिलाएं सर्वप्रथम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रांगण में एकत्रित हुई पश्चात जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने चर्चा कर हडताल नही करने की गुजारिश की परन्तु महिलाओं ने बात नही मानी और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर चतुर्वेदी से यहां आकर मांफी मांगने को कहा जिस पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने डॉक्टर चतुर्वेदी से फोन पर चर्चा की और डॉक्टर चतुर्वेदी ने महिलाओं से फोन पर मांफी मांगी परन्तु महिलाओं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना था यहां आकर मांफी मांगे।


जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर चतुर्वेदी ने होशंगावाद से सिवनी मालवा आकर आनन फानन में मांफी मांगी और अपने शब्द वापस लिए और महिलाओं की पूरी बात सुने बिना ही बहां से चले गए. ज्ञातहो कि जिला अधिकारी के द्वारा खसरा रक्षक अभियान की बैठक में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ किए गए अभद्र ब्यवहार एवं अपशब्दों के प्रयोग से नाराज होकर एक पखबाडे पूर्व ज्ञापन सोंपकर मांफी मांगने की बात कही थी परन्तु निराकरण नहीं किया और नाही मांफी मांगी गई।

महिलाओं ने वताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिवनी मालवा बैठक में महिला कार्यकर्ताओं से जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर चतुर्वेदी ने अपशब्दों का प्रयोग कर अशोभनीय टिप्पडी कर अभद्रता और बारबार बर्खास्त करने की धमकी दी और समस्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मानसिक रूप से प्रताडित किया था जिससे आक्रोषित महिला कार्यकर्ताओं ने लामबंद होकर डॉक्टर श्रीचतुर्बेदी के द्वारा कार्यकर्ताओं से मांफी मांगने एवं भबिष्य में ऐसी अभद्रतापूर्ण हरकत नहीं करने के लिए बरिष्ठ अधिकारियों से ज्ञापन देकर पूर्व में भी मांग की थी परन्तु किसी ने भी इस और ध्यान नही दिया था।

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना था कि हमारी समस्याओं के सम्बंध में शीध्र ही निराकरण नहीं किया गया तो 27 फरबरी एवं 28 फरबरी को काम बंद कर धरना देंगे यदि प्रकरण का निराकर फिर भी नहीं किया गया तो 01 मार्च 2013 से अनिश्चितकालीन हडताल करेंगे परन्तु अधिकारयों के द्वारा मांफी मांगने के पश्चात हड़ताल निरस्त कर दी गई है।

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