राकेश दुबे@प्रतिदिन। मुलायम सिंह यादव और बेनी प्रसाद वर्मा के बीच संसद में जो कुछ हुआ| यह भी देश कि राजनीति में नई संस्कृति का उदय है| जब एक केन्द्रीय मंत्री की बात को संसदीय कार्य मंत्री ने सदन में अनुचित कहा हो| विषय ही कुछ ऐसा था, बेनी बाबू वैसे भी कुछ भी कहने और फिर मुकरने के आदी है| इस बार वे अड़ ही नही गये है बल्कि मुलायम सिंह से सीधे लड़ भी गये है|
उनके आरोप यदि सही है तो और गलत है तो भी उस सरकार के लिए घातक है, जिसके वे मंत्री है और उसे समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त हैं|
यह सही है कि मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में और अब उनके चिरंजीव के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ बड़ा है| पर यह आरोप की मुलायम सिंह के आतंकवादियों से सम्बन्ध है निश्चित ही मुलायम सिंह और उनके समर्थकों को उत्तेजित करने कि बात है|अपनी बात पर अड़े बेनी बाबू का कहना है कि वे बात पूरी जिम्मेदारी से कह रहे है और अपने आरोप वापिस नहीं लेंगे|
संसद और संसद बाहर सांसदों और मंत्रियों के आचरण और व्यवहार से जनता प्रेरित होती है| जनता में इस प्रकार के वार्तालाप से इन महाशयों का ज्ञान तो मालूम होता है देश विदेश में भारत के बारे जो राय कायम होती है वह देश का सिर शर्म से झुका देती है|
जहाँ तक आतंकवादियों से सम्बन्ध कि बात है सरकार को गम्भीरता से लेना चाहिए| एक बार आरोप लगाने वालों की और आरोपित व्यक्ति दोनों कि शायद इसी में देश का कुछ भला हो|
- लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं।
