घोषणा के लिए तैयार भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति, क्या क्या मिलेगा मध्यप्रदेश को

भोपाल। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति लगभग तैयार हो गई है और किसी भी समय उसकी घोषणा की जा सकती है। अगले साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के कारण समिति में चुनाव मैनेजमेंट भी दिखाई देगा।

भाजपा के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति में मध्यप्रदेश की स्थिति निम्नानुसार रहने की उम्मीद है:-

थावरचंद गहलोत:- महासचिव बनना लगभग तय है। भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य होने के नाते भी उनकी स्थिति बहुत मजबूत है।

प्रभात झा:- महासचिव पद के लिए नाम तेजी से चल रहा है। सुरेश सोनी के वरदहस्त होने के कारण स्थिति भी मजबूत है परंतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर की नेगेटिव वोटिंग की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। श्री झा ने शिवराज सिंह को अपने फेवर में करने के लिए पिछले दिनों कई प्रयास किए हैं और शिवराज सिंह चौहान की ओर से भी पॉजिटिव साइन आ रहे हैं परंतु अंतिम समय में शिवराज सिंह का रुख क्या होगा कहा नहीं जा सकता।

सुमित्रा महाजन:- राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर उनके अनुभवों का लाभ लेने की योजना है। इस प्रकार उन्हें प्रमोट करके उन्हें लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया से बाहर भी किया जा सकता है।

फग्गन सिंह कुलस्ते:- यथावत रहेंगे। कैश फॉर वोट मामले के बाद कुलस्ते राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनना चाहते हैं परंतु उनके लिए कार्यकारिणी में कोई गुंजाइश बनती दिखाई नहीं दे रही है।

अनिल माधव दवे:- चुनाव प्रबंधन के गुरू श्री दवे राष्ट्रीय महासचिव की दौड़ में शामिल हैं परंतु हाईकमान उन्हें चुनाव प्रबंधन में ही उपयोग करने के मूड में है। श्री दवे को गुजरात एवं महाराष्ट्र भी मिल सकता है।

विश्वास सारंग:- मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चहेते विधायक विश्वास सारंग को युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कवायद चल रही है, परंतु 40 बसंत पार हो जाने के कारण यह पोजीशन खटाई में पड़ गई है। यदि सारंग को यह कुर्सी नहीं मिली तो मनोरंजन मिश्रा को अध्यक्ष पद का ताज मिल सकता है और यदि यह भी संभव नहीं हुआ तो विक्रम वर्मा के दामाद प्रवेश वर्मा भी इस कतार में उपस्थित हैं। कुल मिलाकर युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष या तो मध्यप्रदेश से होगा या मध्यप्रदेश का दामाद।

राष्ट्रीय कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी, बाबूलाल गौर एवं विक्रम वर्मा लगभग तय हैं। इनके अलावा कैलाश विजयर्गीय भी एक संभावित नाम है।

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