भोपाल। हबीबगंज और इंदौर के बीच प्रस्तावित एसी डबल डेकर ट्रेन चलाने की तैयारियां पूरी की जा रही है। कपूरथला स्थित कोच फैक्ट्री में इसके लिए 17 कोच बनाने का काम चल रहा है। 10 कोचों में सीट लगाने का काम भी पूरा हो चुका है। शेष 4 कोचों को बानने और सीटें लगाने का काम 24 मार्च तक पूरा कर हो जाएगा।
इसके बाद 28 मार्च को तैयार कोचों को भोपाल रेल मंडल के लिए भेज दिया जाएगा और मार्च के अंतिम सप्ताह में इन कोचों का ट्रायल किया जाएगा। यह ट्रायल करीब एक सप्ताह तक चलेंगा। कपूरथला कोच फै क्ट्री के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी रजनीश बंसल ने फोन पर बताया कि हबीबगंज और इंदौर के बीच प्रस्तावित डबल डेकर ट्रेन के कोच बनाने का काम चल रहा है। अभी तक 10 कोच बनाए जा चुके है।
शेष बचे कोचों को 24 मार्च तक बना लिया जाएगा। इसके बाद कोचों का ट्रायल के लिए भोपाल रेल मंडल भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि ट्रायल के लिए कुल 14 कोचों भेजा जाएगा। यदि 28 तारीख तक शेष बचे स्पेयर कोच तैयार हो गए तो उन्हें भी साथ में भेजा जा सकता है। 17 कोच बनाने में कुल 51 करोड़ रुपए खर्च आएगा।
सात दिन तक होगा ट्रायल हबीबगंज से इंदौर के बीच चलने वाली डबल डेकर एसी ट्रेन संचालन से पहले सात दिन ट्रायल किया जाएगा। इस दौरान रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड आगर्नाईजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ व कमिश्नर रेलवे सेμटी इसकी निगरानी करेंगे। डबल डेकर ट्रेन की ऊंचाई व चौड़ाई साधारण ट्रेनों से अधिक है,जिससे इसके संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं। यही वजह है कि रेलवे इसको चलाने से पहले इसका ट्रायल रन लेगा।
दोनो संस्थाओं से हरी झंडी मिलने के बाद ही डबल डेकर ट्रेन यात्रियों को लेकर पटरी पर दौड़ पाएगी। डबल डेकर ट्रेन कब से चलेगी अभी यह तय नहीं हुआ है,लेकिन माना जा रहा है कि मार्च महीने के अंत तक इसके रैक राजधानी आ जाएंगे। आरडीएसओ लखनऊ व कमिश्नर रेलवे सेफ्टी भोपाल से इंदौर के बीच रेलवे लाइन पर देखेंगे कि डबल डेकर ट्रेन को पुलों व छोटे रेलवे स्टेशनों पर समस्या तो नहीं आ रही है। समस्या आने के बाद इसका हल खोजा जाएगा और इसके बाद ही इसे यात्रियों के लिए चलाया जाएगा।