भोपाल। मध्यप्रदेश के निलंबित आईएएस अधिकारी अरविंद-टीनू जोशी की करीब 40 करोड़ की संपत्ति राजसात की जाएगी। लोकायुक्त ने इस संदर्भ में अपनी कार्रवाई पूरी कर दी है। अनुमति सरकार से मांगी है और माना जा रहा है कि सरकार हर हाल में अनुमति देगी।
इस प्रकरण के माध्यम से शिवराज सिंह सरकार ने सबके सामने यह प्रमाणित करने का प्रयास किया है कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने की पक्षधर है। भले ही कई मामलों में इसी लोकायुक्त की अनुशंसाओं को सरकार ने अनदेखा किया हो परंतु जोशी दंपत्ति के मामले में ऐसा कतई नहीं होगा।
जोशी दंपत्ति की जो संपत्ति राजसात की जाएगी इसमें करीब तीन सौ एकड़ जमीन, भोपाल के चार मकान और दिल्ली का एक मकान शामिल है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस पत्र पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री की अनुमति का इंतजार है। प्रदेश में यह पहला मामला होगा, जब किसी आईएएस की संपत्ति को राजसात किया जाएगा। आयकर विभाग ने 4 फरवरी 2010 को जोशी दंपती के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी। इसमें 3 करोड़ 4 लाख रुपए नकद बरामद हुए थे तथा 300 करोड़ रुपए से अधिक की अनुपातहीन संपति मिली थी। इसके अलावा लोकायुक्त के छापे में लाखों की चल-अचल संपत्ति और जमीन के दस्तावेज मिले थे।
माना जा रहा है कि दिल्ली में चल रही कार्यसमिति की बैठक से लौटते ही शिवराज सिंह चौहान इस कथित वारंट पर हस्ताक्षर कर देंगे। न केवल हस्ताक्षर करेंगे बल्कि इसका ढिंढोरा भी पूरा पीटा जाएगा ताकि उसके खिलाफ लग रहे भ्रष्टाचारियों को संरक्षण के आरोपों का जबाव दिया जा सके।