जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने संविदा शिक्षक वर्ग-3 की भर्ती बीएड धारियों को शामिल न किए जाने के खिलाफ दायर करीब दो सौ से अधिक याचिकाओं का गुरुवार को पटाक्षेप कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि डीएड के बाद जो सीटें बचेंगी उन्हें 12वीं में 50 प्रतिशत पास अभ्यर्थियों से भरें।
जस्टिस आलोक अराधे की एकलपीठ ने डीएड उत्तीर्ण आवेदकों की नियुक्ति के बाद जो शेष रिक्त पद है, उनमें केंद्र सरकार से अनुमति लेकर जिन आवेदकों के बारहवीं की परीक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, उनसे भरी जाए। प्रदेशभर करीब एक हजार से अधिक छात्र-छात्राओं की ओर से दायर मामले में कहा गया था कि संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 में डीएडधारियों को प्राथमिकता दी जा रहीं है, जबकि वह सभी बीएडधारी है, लेकिन उन्हें काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया जा रहा है, जो कि अवैधानिक है।