भोपाल। हमीदिया अस्पताल में गुरुवार देर रात एक बच्चे की मौत के बाद हुए विवाद से नाराज जूनियर डॉक्टरों ने ड्यूटी का बहिष्कार कर दिया। इस विरोध के चलते राजधानी की चिकित्सा सेवाएं चरमरा गईं और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इधर पुलिस ने 11 जूडा सहित 30 अन्य के खिलाफ बलवा का प्रकरण दर्ज कर लिया है। जूडा ने इस हड़ताल को बहिष्कार का नाम दिया है।
शुक्रवार को अस्पताल में सिर्फ दो मरीजों के ही मेजर ऑपरेशन हो सके। सबसे ज्यादा असर सर्जरी, आथरेपेडिक्स, रेडियोलॉजी और मेडिसिन विभाग की चिकित्सा सेवाओं पर पड़ा। यहां दोपहर 2 बजे तक केवल 150 मरीजों का ही इलाज किया गया।
जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि जब तक उनके साथ मारपीट करने वालों को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता, वे काम नहीं करेंगे। अस्पताल में कुल 270 जूनियर डॉक्टर हैं। उधर, कोहेफिजा पुलिस ने 11 जूनियर डॉक्टरों समेत 30 अन्य के खिलाफ बलवा, मारपीट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किए हैं। इस मामले में फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
या तो सुरक्षा दो या सेवाएं लौटाओ मेडिकल ऑफिसर्स संघ
मध्यप्रदेश चिकित्सा अधिकारी संघ ने हमीदिया में कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ. पीके दुबे और डॉ. आरकेडी जैन के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. ललित श्रीवास्तव ने इस संबंध में कॉलेज डीन डॉ. दुबे को ज्ञापन सौंपा है। इसमें डॉक्टरों को सुरक्षा और मारपीट करने वालों के खिलाफ डॉक्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज कराने की मांग गई है। ऐसा न होने पर उन्होंने कॉलेज डीन से अस्पताल में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की सेवाएं उनके मूल विभाग को लौटाने की मांग की है। वहीं, जीएमसी के मध्यप्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने घटना की भर्तसना की है।
हड़ताल नहीं, बहिष्कार है: डीन
गांधी मेडिकल कॉलेज की प्रभारी डीन डॉ. भानु दुबे ने बताया कि जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर नहीं गए हैं, सभी ने ड्यूटी का बहिष्कार किया है। अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए वार्ड में कंलटेंट और सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है।
पुलिस की मौजूदगी में हुई थी पिटाई
जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष डॉ. वरुण पेंड्रो ने बताया कि कैंटीन के पास गुरुवार देर रात पांच जूनियर डॉक्टरों की पिटाई पुलिस की मौजूदगी में की गई। पुलिस मर्चुरी के सामने खड़ी होकर तमाशा देखती रही।