भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने रेत माफिया द्वारा छतरपुर में डिप्टी कलेक्टर की हत्या करने का प्रयास भाजपा के नेता द्वारा एस.डी.एम. और तहसीलदार से बदसलूकी और मुख्यमंत्री के सामने एक अध्यापक की पत्नी द्वारा आत्महत्या के प्रयास को भाजपा सरकार के लिए शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री से पूछा है कि उने राज में यह क्या हो रहा है?
उन्होंने कहा कि आत्ममुग्ध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के शासन में कर्मचारियों की यही असलियत है। वे प्रताडि़त हैं और अपने हकों से वंचित हैं। उनका मान-सम्मान और जान-माल की रक्षा करने में भाजपा सरकार परी तरह असल साबित हुई है।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में आज कर्मचारी बेहद त्रस्त है। कर्मचारियों का मान-सम्मान और उनके जान-माल की रक्षा करने में यह सरकार पूरी तरह असफल रही है। पूरे देश में भाजपा सरकार में एक नया रिकार्ड बनाया है। पिछले दस साल में पच्चीस हजार कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाएं हुई है। वहीं कर्मचारियों के हक का 19 हजार करोड़ रूपये यह सरकार दबाकर बैठ गई है।
श्री सिंह ने कहा कि पिछले दस सालों में एक नई संस्कृति प्रदेश में विकसित हुई है जिसमें काम करने वाले ईमानदार अधिकारी खनिज माफिया, शराब माफिया और भाजपाईयों के निशाने पर है। श्री सिंह ने कहा है कि पन्ना, टीकमगढ़, देवास सहित छतरपुर में खनिज माफियाओं के बढ़ते हौसलों और भाजपाईयों का उन्हें मिले संरक्षण ने प्रदेश में पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मचारियों के मनोबल को तोड़ दिया है। श्री सिंह ने कहा कि मुरैना में जिस तरह खनिज माफिया ने पुलिस वालों को खदेड़ा है वह भाजपा सरकार के दस साल के शासन में आम हो गया है।
राजधानी भोपाल में ही कमला नगर थाने में पुलिस को अपराधी प्रवृत्ति आर.एस.एस. के लोगों के हाथों पिटना पड़ा। श्री सिंह ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही छतरपुर के सांसद जितेन्द्र सिंह बुंदेला ने पटवारियों को जूते दिखाए थे तो गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष रामपाल सिंह द्वारा एस.डी.एम. एक ओर तहसीलदार का सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। उनका जूलूस निकाला तो सरकार के ही एक एक मंत्री गौरिशंकर बिसेन ने पटवारी के साथ शर्मनाक हरकते करते हुए सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक लगवाई थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में कर्मचारियों अधिकारियों का मान-सम्मान पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को उनका हक देकर अहसान जताने वाली सरकार ने कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। छटवें वेतनमान जस का तस देने का वादा करके यह सरकार भूल चुकी है। अध्यापकों को नियमित करने का वादा भूल गई और उसे समान वेतन समान काम का हक नहीं दे रही जिसकी परिणिति हुई कि एक अध्यापक की पत्नी को मुख्यमंत्री के सामने ही आत्महत्या करने का प्रयास करना पड़ा। श्री सिंह ने कहा कि भाजपा शासन में आज आम जनता और कर्मचारी, अधिकारी परेशान और भयभीत हैं। यह इस सरकार के लिए कलंक की बात है।