भोपाल। स्वास्थ्य राज्य मंत्री महेंद्र हार्डिया के ड्रायवर ने रविवार की सुबह हमीदिया अस्पताल की दूसरी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी ईहलीला खत्म करने की कोशिश की। जब हमीदिया अस्पताल के डाक्टरों और स्टॉफ को यह बात पता चली कि छलांग लगाने वाला कोई नहीं, स्वास्थ्यराज्यमंत्री महेंद्र हार्डिया का ड्रायवर है तो उनके होश उड़ गए।
भगवानदास, पिछले तीन दिनों से हमीदिया अस्पताल में भर्ती था। उसे पेट दर्द की शिकायत थी, किंतु उसे हमीदिया में उचित उपचार नहीं मिल रहा था। भगवानदास के परिजनों का आरोप है कि हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा बरती गई उदासीनता और उपेक्षा से क्षुब्ध होकर भगवानदास ने आत्महत्या की कोशिश की है। भगवानदास गंभीर रूप से घायल हो गया है। उसे अस्पताल की अति दक्षता ईकाई में भर्ती किया गया है।
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने स्वास्थ्य मत्रीं ड्राइवर द्वारा इलाज के अभाव में जान देने के प्रयास की घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि राजधानी भोपाल के मुख्य अस्पताल में जब इलाज के अभाव में स्वास्थ्य मंत्री के ड्राइवर को आत्महत्या करने पड़े तब आम आदमी और प्रदेश के अन्य अस्पतालों के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि आज प्रदेश में अस्पताल के हालात बदतर है। केन्द्र सरकार की निःशुल्क दवा योजना भाजपा सरकार की लापरवाही के चलते दम तोड़ चुकी है। स्वास्थ्य बजट भ्रष्टाचार पर खर्च हो रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आम आदमी को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है। इसकी पुष्टि किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं स्वास्थ्य मंत्री के ड्राइवर ने की जो इलाज न मिलने से इतना हताश हो गया कि उसे आत्महत्या तक करनी पड़ी।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि ये उस अस्पताल के हालात है जो प्रदेश की राजधानी का है और मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल ही में भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोली। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे एक ओर कांग्रेस निरंतर स्वास्थ्य अव्यवस्थाओं की जो पोल खोलती रही है उसकी पुष्टि हुई है और शिवराज सिंह चैहान का विकास सिर्फ कागजों पर यह हकीकत भी सामने आ गई है।
सरकार के लिए इससे ज्यादा शर्मनाक क्या होगा: अजय सिंह
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने स्वास्थ्य मत्रीं ड्राइवर द्वारा इलाज के अभाव में जान देने के प्रयास की घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि राजधानी भोपाल के मुख्य अस्पताल में जब इलाज के अभाव में स्वास्थ्य मंत्री के ड्राइवर को आत्महत्या करने पड़े तब आम आदमी और प्रदेश के अन्य अस्पतालों के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि आज प्रदेश में अस्पताल के हालात बदतर है। केन्द्र सरकार की निःशुल्क दवा योजना भाजपा सरकार की लापरवाही के चलते दम तोड़ चुकी है। स्वास्थ्य बजट भ्रष्टाचार पर खर्च हो रहा है। श्री सिंह ने कहा कि आम आदमी को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल रहा है। इसकी पुष्टि किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं स्वास्थ्य मंत्री के ड्राइवर ने की जो इलाज न मिलने से इतना हताश हो गया कि उसे आत्महत्या तक करनी पड़ी।
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंह ने कहा कि ये उस अस्पताल के हालात है जो प्रदेश की राजधानी का है और मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाल ही में भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोली। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे एक ओर कांग्रेस निरंतर स्वास्थ्य अव्यवस्थाओं की जो पोल खोलती रही है उसकी पुष्टि हुई है और शिवराज सिंह चैहान का विकास सिर्फ कागजों पर यह हकीकत भी सामने आ गई है।