श्योपुर/ 28 जनवरी को वीरपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में हुई दो महिलाओं की मौत का मामला बुधवार को विधानसभा में गूंजा। विजयपुर विधायक रामनिवास रावत ने ध्यानाकर्षण के दौरान प्रदेश सरकार पर मृत महिलाओं के परिजनों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में जानकारी दी कि मृत महिलाओं के पतियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
विधायक रावत ने ध्यानाकर्षण के दौरान सदन में बताया कि मीरा पत्नी हंसराज जाटव (25) निवासी भूरेंडी और सुशीला पत्नी दिनेश रावत (30) निवासी भैरूपुरा वीरपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर नशबंदी के मैगा शिविर में अपना ऑपरेशन कराने पहुंची थीं। इन महिलाओं को निश्चेतना विशेषज्ञ की गैर मौजदूगी में ही एनीस्थीसिया लगा दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के कारण महिलाओं की मौत हो गई। महिलाओं की मौत के बाद भी उनके परिजनों को आर्थिक मदद नहीं दी गई है, और ना ही मामले की जांच हो सकी है। विधायक ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की लक्ष्य पूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग पैरामेडिकल स्टॉफ से ही ऑपरेशन करवा रहा है। विधायक के ध्यानाकर्षण के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मृत महिलाओं के परिजनों के साथ सरकार की पूरी संवेदना है।
जल्द ही महिलाओं के पतियों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। परिजनों को आर्थिक मदद के रूप में दो-दो लाख रुपए की सहायता दी जा चुकी है। राज्य सरकार डॉक्टरों की एक टीम से मामले की जांच करा चुकी है। इसके बाद स्वास्थ्य केन्द्र के स्टॉफ को बदल दिया गया है।
पढ़ाई का खर्चा भी उठाएगी सरकार
विधायक रावत ने ध्यानाकर्षण के दौरान मृत महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई सरकारी खर्च पर कराए जाने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार महिलाओं के बच्चों की पढ़ाई का सारा खर्चा उठाएगी। इस संबंध में श्योपुर के कलेक्टर को निर्देश दिए जा चुके हैं।