भोपाल। मप्र अल्पसंख्यक विभाग के संयोजक एवं एवं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद द्वारा उच्च न्यायालय इंदौर में दायर याचिका में गुरुवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी ने माननीय न्यायालय को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं और आला अफसर स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि वे वहां व्याप्त तनाव को दूर करने के लिए दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों और शांति समिति के सदस्यों से संपर्क बनाए हुए हैं और नमाज एवं बसंत पंचमी सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मने, कोई भी विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए प्रशासन ने पूर्ण इंतजाम किए हैं तथा वहां कोई भी अप्रिय घटना होने ना दी जाएगी।
मा. उच्च न्यायालय ने धार के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को पाबंद किया कि शांतिपूर्ण ढंग से नमाज संपन्न करवाएं।
वाहन रैली की अनुमति क्यों दी गई?
दूसरी ओर, आज इस बारे में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य आरिफ मसूद के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल महामहिम राज्यपाल से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल में मौलाना मसीह आलम सा., वफा सिद्दीकी, आरिफ गौहर लाला, सै. अनस अली नदवी, मौलाना अकीलउल हक, मौलाना मो. इरफान, मो. अय्यूब, बादशाह मियां, अब्दुल नफीस, नादिर खान विशेष रूप से उपस्थित हुए।
आरिफ मसूद ने महामहिम राज्यपाल का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि प्रशासन द्वारा धार में धारा 144 लागू होने के बाद भी 5 हजार लोगों की वाहन रैली को अनुमति क्यों दी गई? इससे सरकार की नीयत पर शंका होती है। मसूद ने राज्यपाल को इस बात से अवगत कराया कि धार में दूसरे संगठनों द्वारा एक समुदाय विशेष को भयभीत करने तथा अल्पसंख्यकों की जान माल की सुरक्षा हेते प्रबंध करने तथा 2006 में कतिपय असामाजिक तत्वों द्वारा नमाजियों के साथ मारपीट किए जाने की घटना से भी अवगत कराया।