भोपाल। मध्यप्रदेश संयुक्त अध्यापक की मोर्चा की आज सरकार के प्रतिनिधियों वार्ता का बिफल रही। इधर सीएम शिवराज सिंह चौहान अपना स्टेंड छोड़ने को तैयार नहीं हैं और उधर मोर्चा ने भी बिना निर्णय के हड़ताल तोड़ने की अपील खारिज कर दी। मोर्चा पदाधिकारियों से आज इस सिलसिले में प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र तोमर, स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा एवं विधायक दीपक जोशी ने बातचीत की।
यह सिलसिला आज दिनभर चलता रहा। नरेन्द्र तोमर ने आज सुबह 11:30 बजे मोर्चा पदाधिकारियों से चर्चा शुरू की जो लगातार 12:15 बजे तक चली। इस बीच श्री तोमर ने मोर्चा से आग्रह किया है कि वो हड़ताल तोड़ दें, विधानसभा सत्र एवं परीक्षाएं समाप्त हो जाने दें उसके बाद इस विषय पर चर्चा की जाएगी, परंतु मोर्चा पदाधिकारियों ने इस विकल्प को अस्वीकार कर दिया। इधर सीएम शिवराज सिंह ने भी हड़ताल के चलते इस विषय पर कोई भी निर्णय करने से इंकार कर दिया।
इसके बाद विधायक दीपक जोशी जिन्हें पिछले दिनों इस विषय पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने महाजनसंपर्क अभियान के दौरान हुए घेराव के बाद मौखिक रूप से अधिकृत कर दिया था, ने भी संयुक्त अध्यापक मोर्चा के पदाधिकारियों से चर्चा की परंतु उनके पास भी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं था। श्री जोशी ने बताया कि सारी चीजें सीएम शिवराज सिंह चौहान के हाथ में हैं और वो फिलहाल इस मामले पर कोई निर्णय करने को तैयार नहीं हैं।
अंत में संसदीय कार्यमंत्री एवं शिवराज सिंह चौहान के निजी कोरग्रुप के सदस्य नरोत्तम मिश्रा ने भी मोर्चा पदाधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने मोर्चा पदाधिकारियों की पूरी बात सुनी एवं सहमति जताई कि उनकी मांगें जायज हैं, श्री मिश्रा ने उन्हें आश्वासन दिया कि वो एक बार फिर इस विषय पर सीएम शिवराज सिंह से चर्चा करेंगे एवं कोई बीच जा रास्ता निकालने का प्रयास करेंगे।
कुल मिलाकर आज दिनभर सरकार और हड़ताली अध्यापकों के बीच बातचीत के दौर चलते रहे परंतु कोई बीच का रास्ता नहीं निकल पाया। इधर शिवराज सिंह चौहान किसी भी प्रकार की घोषणा करने को तैयार नहीं हैं तो उधर 24 फरवरी से शुरू हुआ अध्यापकों का आमरण अनशन लगातार जारी है। मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि अध्यापक मोर्चा की ओर से गए प्रतिनिधि मंडल में उनके अलावा संयोजक ब्रजेश शर्मा, दिनेश शुक्ला, देवेन्द्र तिवारी, करतार सिंह राजपूत, राजेश एलिया एवं मनोज शामिल थे।