इंदौर/राजेश राय। इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में इलाज के लिए मदद ना मिलने से परेशान एक युवक ने नींद की गोलियां खाकर जान देने का प्रयास किया। शहर के प्रशासनिक मुखिया कलेक्टर आकाश त्रिपाठी के कक्ष के बाहर लगभग आधे घंटे तक ये युवक बेहोशी की हालत में पड़ा रहा लेकिन किसी ने उसे अस्पताल में भर्ती तक नहीं कराया।
अपने ही कक्ष के बाहर हुई इस घटना से कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें घटना के बारे में नहीं मालूम।
तेज तर्रार प्रशासनिक अफसर की छबि बनाने वाले इंदौर कलेक्टर आकाश त्रिपाठी भी संवेदनहीन हो गए हैं। जनसुनवाई में लोग परेशान हैं। केवल औपचारिकता भर के लिए लोगों से आवेदन लिए जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया जब इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में मिल क्षेत्र के राजेश सहाय नामक युवक ने नींद की गोलियां खा लीं। नींद की गोलियां खाने से वे बेहोश हो गया और उसके मुंह से झाग निकलने लगे।
कलेक्टर के कमरे के ठीक बाहर हुई इस घटना के चलते हड़कंप मच गया। बड़ी देर तक युवक इसी हालत में कलेक्टर के कक्ष के बाहर पड़ा रहा लेकिन शहर के मुखिया को उसकी सुध लेने का वक्त नहीं मिला। मीडिया ने जब युवक के बारे में बात की तो कहा कि मुझे जानकारी नहीं है। बाहर जाकर मिल लूंगा।
राजेश सहाय गंभीर बीमारी से पीड़ित है। ये खाना भी नहीं खा पाता है। जिसके चलते आहरनली लगाई गई है। बताया जाता है कि इसके इलाज के लिए चार लाख रूपए की जरूरत है। सरकारी मदद की आस में ये लम्बे समय से जनसुनवाई में आ रहा था। जब इसे मदद नहीं मिली तो इसने नींद की गोली खाकर जान देने का प्रयास किया।