भोपाल। राजधानी एवं उज्जैन में एकसाथ हुई लोकायुक्त की छापामार कार्रवाई में पकड़े गए आईएफएस अधिकारी बीके सिंह के भाजपा से मजबूत रिश्ते उजागर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि बीके सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर एवं वर्तमान में केबीनेट मंत्री के नजदीकी मित्रों में से हैं एवं दोनों मंत्रियों ने बीके सिंह को मालईदार पोजीशन दिलाने के लिए नियमविरुद्ध काम किए हैं।
खुलासा हो गया है कि भ्रष्ट आईएफएस बीके सिंह को तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने नियम विरुद्ध प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में प्रतिनियुक्त दी थी। इस संदर्भ में शासन की ओर से आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी परंतु तमाम आपत्तियों को दरकिनार करते हुए बाबूलाल गौर ने बीके सिंह की पोस्टिंग के आदेश जारी किए।
इसके अलावा होशंगाबाद मूल के एक भाजपा नेता से बीके सिंह की पार्टनरशिपिंग भी चर्चाओं में है। बताया जा रहा है कि उक्त भाजपा नेता के साथ मिलकर बीके सिंह ने कई ऐसे कारनामों को अंजाम दिया जिसमें दोनों का भरपूर लाभ था।
कुल मिलाकर बीके सिंह के भाजपा से मजबूत रिश्ते पूरी तरह से उजागर हो गए हैं। इस मामले में समाचार लिखे जाने तक भाजपा एवं कांग्रेस दोनों पार्टियों की प्रदेश इकाई की ओर से कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।
जबकि कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा है कि भाजपा के भ्रष्ट अधिकारियों से रिश्ते बहुत पुराने हैं। उन्होंने एक लम्बी लिस्ट का जिक्र करते हुए बताया कि भाजपा सरकार ने चपरासी से लेकर शीर्ष अधिकारियों तक सारे के सारे भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण दे रखा है और लगातार यह मामले उजागर होते जा रहे हैं।