भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया ने छतरपुर जिले के बकस्वाहा गांव में कल बुधवार को डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी खनिज अधिकारी पर रेत माफियाओं द्वारा किये गये जानलेवा हमले की कड़ी निंदा करते हुए रेत माफियाओं द्वारा कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों की हत्या की लगातार की जा रही चेष्टाओं को रेत माफियाओं के प्रति ‘‘भाजपा सरकार की नरम नीति’’ का शर्मनाक परिणाम बताया है।
भूरिया ने कहा है कि रेत के अवैध कारोबार में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के परिवार के लोग और भाजपा के रसूखदार नेता प्रायः हर जिले में लिप्त हैं। इस कारण जिला प्रशासन और खनिज विभाग इस काले कारोबार को देखकर भी उसकी अनदेखी करने के लिए विवश है। जो कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार और साहसी अधिकारी जान हथेली पर रखकर रेत माफियाओं की गैर कानूनी गतिविधियों पर हाथ डालते हैं, तो उनको ट्रैक्टर, जीप अथवा अन्य वाहन से रौंदकर मार डालने की कोशिशें होती हैं। ऐसा ही एक युवा आईपीएस अधिकारी नरेन्द्रकुमार मुरैना जिले में पिछले साल अपने प्राण गंवा चुका है।
ऐसी संभावना थी कि इस अधिकारी की बलि के बाद सरकार खनिज एवं रेत माफियाओं को काबू में कर लेगी, किंतु ऐसा नहीं हुआ और अधिकारियों पर जानलेवा हमले बदस्तूर जारी हैं। उन्होंने सरकार से कहा है कि वह बताए कि कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों पर माफियाओं के जानलेवा हमले कभी थमेंगे या नहीं। खनिज माफियाओं के साथ सरकार ने कहीं कोई गुप्त समझौता तो नहीं कर रखा है।
श्री भूरिया ने कहा है कि छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर सपना खमरिया की कर्तव्यनिष्ठा और हिम्मत प्रशंसनीय है। जिले में पूर्व भ्रष्ट खनिज अधिकारी के कारण रेत का अवैध कारोबार अपनी जड़ें गहराई के साथ जमा चुका है। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के स्थानीय नेता भी शामिल हैं। महिला अधिकारी की धरपकड़ से जिले के रेत माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। वे इस बहादुर महिला अधिकारी को किसी भी तरह रास्ते से हटा देना चाहते हैं। बुधवार को किया गया हमला भी इसी साजिश का हिस्सा था। आपने कहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता द्वारा चोरी की रेत सांदनी नामक स्थान पर डम्प की जाती है और वहां से ट्रैक्टर-ट्राली द्वारा चोरी छिपे अन्यत्र भेजकर बेची जाती है। इस नेता की रसूखदारी और पूर्व खनिज अधिकारी और उसके बेटे की मिली भगत से रेत का काला धंधा जिले में लंबे समय से बेरोकटोक चल रहा था।
सांसद ने कहा है कि शासन के हित में कार्यवाही करने वाले ईमानदार अधिकारियों पर इसी तरह हमले होते रहे तो कोई भी अधिकारी अपनी जिंदगी की कीमत पर माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही की हिम्मत नहीं करेगा। यह स्थिति अधिकारियों का मनोबल गिराने का बड़ा कारण साबित हो रही है। पूर्व में मुरैना के अलावा भिण्ड, देवास, रायसेन आदि जिलों में ऐसी हमले की घटनाएं हो चुकी हैं। कुछ दिन पूर्व रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील में अवैध रेत की ट्राली पकड़ने पर पटवारी के अलावा तहसीलदार और एसडीएम पर भाजपा नेता रामपालसिंह की अगुवाई में मारपीट की गई है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने तब एसडीएम की तो कालर ही पकड़ ली थी। आपने बकस्वाहा और बेगमगंज की घटना के सभी आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने तथा उन पर हत्या के प्रयास की धारा के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।