भोपाल। 24 फरवरी से शुरू हुई संयुक्त अध्यापक मोर्चा के आमरण अनशन में अब प्रांतीय उपाध्यक्ष गिरीश एवं सचिव सचिन भी शामिल हो गए हैं। इधर प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने कहा कि हम मर जाएंगे, मिट जाएंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे। समान वेतन और संविलियन हमारा अधिकारी है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अपने साथी संयोजक ब्रजेश शर्मा, प्रांतीय उपाध्यक्ष गिरीश द्विवेदी एवं सचिव सचिन गौर के साथ शाहजहानी पार्क में आमरण अनशन पर बैठे प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने भोपालसमाचार.कॉम से बात करते हुए कहा कि हम मध्यप्रदेश के गरीब ग्रामीणों एवं किसानों के बच्चों को पढ़ाते हैं, इसलिए सरकार हमारी बात पर ध्यान नहीं दे रही है।
मध्यप्रदेश के मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चे भी यदि हमारे स्कूलों में पढ़ने आते तो हमें आज आंदोलन नहीं करना होता। श्री पाटीदार ने कहा कि हम मध्यप्रदेश के दूरदराज के इलाकों में उन बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं, जहां तक शिक्षा का संदेश भी नहीं जाता था, परंतु हमारी तनख्वाह ब्यूरोक्रेट्स के प्राइवेट कार ड्रायवर से भी कम है।
जितना वेतन वरिष्ठ अध्यापक को मिलता है, उससे कहीं ज्यादा तो इन ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की ट्यूशन फीस होती है। श्री पाटीदार ने दोहराया कि हम सब संगठित हो गए हैं। जो लोग किसी बहकावे में आकर आंदोलन में शामिल नहीं हो पाए थे अब वो भी आंदोलन के साथ आ गए हैं। मध्यप्रदेश में स्कूलों की हालत खस्ता हो गई है। सरकार प्राइवेट स्कूलों के टीचर्स से परीक्षाओं में शामिल होने का आग्रह कर रही है, लेकिन मध्यप्रदेश के प्राइवेट स्कूल टीचर्स भी हमारे आंदोलन में हमारा साथ दे रहे हैं एवं उन्होंने प्रशासन को सेवाएं देने से इंकार कर दिया है।