भोपाल। शुक्रवार से हायर सेकेण्ड्री बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित होने जा रहीं हैं। इधर हड़ताली अध्यापकों ने परीक्षा कार्य में सहयोग से इंकार कर दिया है। इसके चलते परीक्षा प्रबंधन पूरी तरह से चरमरा गया है।
मध्यप्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं का आयोजन शुरू हो गया है। 1 मार्च को 12वीं का पहला पेपर है। इससे पूर्व सभी परीक्षा प्रबंधों की समीक्षा की गई परंतु कहीं भी संतोषजनक स्थिति दिखाई नहीं दे रही है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में अध्यापकों ने परीक्षा कार्यक्रम से स्वयं को बाहर रखा है। इसके चलते शिक्षा विभाग के सहायक शिक्षकों को परीक्षा केन्द्र प्रभारी बना तो दिया गया परंतु हालात यह हैं कि स्वयं केन्द्र प्रभारियों को ही खुद पर भरोसा नहीं है।
संयुक्त अध्यापक मोर्चा के प्रांताध्यक्ष मुरलीधर पाटीदार ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि प्रशासन के पास अनुभवी परीक्षा प्रबंधकों की जबर्दस्त कमी आ गई है। शासन ने जिन लोगों को केन्द्राध्यक्ष बनाया है, उनमें से ज्यादातर अनुभवहीन हैं एवं पहली बार केन्द्राध्यक्ष बने हैं।
श्री पाटीदार ने बताया कि शासन ने कई जिलों में प्राइवेट स्कूल के टीचर्स को परीक्षा कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया परंतु उन्होंने भी शासन को सहयोग देने से इंकार करते हुए अध्यापकों की हड़ताल को समर्थन दिया।
इधर जिलों के कलेक्टर्स के निर्देश पर हड़ताली अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। प्रशासन ऐसे अध्यापकों की सूची बना रहा है जो कल की परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले हैं, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
श्री पाटीदार ने भोपालसमाचार.कॉम को बताया कि हम किसी भी तरह की कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार है। पूरे चार साल तक हम न केवल चुप रहे बल्कि सरकार के हर आदेश को सरमाथे पर लिया है। अब हम वापस लौटने वाले नहीं है। सरकार चाहे तो पूरे तीन लाख अध्यापकों को एक साथ बर्खास्त कर दे, हम नहीं लौटेंगे।