लोकायुक्त छापा: आईएफएस के यहां मिली 100 करोड़ की अवैध संपत्ति

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकायुक्त की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। कल बिजली कंपनी के बाबू के यहां से 50 करोड़ की अवैध संपत्ति मिली थी, आज एक आईएफएस के यहां से 100 करोड़ की अवैध संपत्ति की जानकारी मिली है। गौरतलब यह भी है कि जिस अधिकारी के यहां छापा मारा गया वो भाजपा के तत्कालीन सीएम सहित एक केबीनेट मंत्री का नजदीकी भी बताया जा रहा है। 

लोकायुक्त की टीमों ने यह छापामार कार्रवाई एक साथ भोपाल एवं उज्जैन में की। भारतीय फारेस्ट सर्विस के अधिकारी बसंत कुमार सिंह के चूनाभट्टी भोपाल स्थित निजी आवास एवं उज्जैन स्थित सरकारी आवास पर लोकायुक्त की टीमों ने तड़के ही छापामार कार्रवाई की। समाचार लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि शाम होते होते इस अधिकारी के पास से 100 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का खुलासा होगा। फिलहाल 50 लाख से ज्यादा अवैध संपत्ति का खुलासा हो चुका है। 


छापा पड़ते ही भागा आईएफएस


उज्जैन में लोकायुक्त की टीम ने जैसे ही बसंत कुमार के  सरकारी निवास पर छापा मारा, बसंत कुमार पीछे के दरवाजे से भागने लगा। उसने अपने साथ आवास में मौजूद 7 लाख रुपए नगद एवं रिवाल्वर भी ले लिए थे, परंतु पीछे के दरवाजे पर पहले से ही एम्बुश लगाए बैठी लोकायुक्त की टीम ने बसंत कुमार को धर दबोचा और हिरासत में ले लिया। 


क्या क्या मिलीं संपत्तियां 



  • 350 एकड़ का एक फार्महाउस जोनपुर उत्तरप्रदेश में
  • बुधनी में सार सासुर के नाम से 75 एकड़ कृषिभूमि
  • 20 बीघा जमीन भोपाल में
  • 22 बीघा जमीन ​सीहोर में 
  • बनारस में 5 होटल 
  • बनारस में ही एक पेट्रोल पंप
  • 12 लाख रुपए नगद भोपाल में 
  • 7 लाख रुपए नगद उज्जैन में
  • 1 किलो सोना मूल्य 30 लाख 60 हजार रुपए 
  • 2 किलो चांदी
  • 10 लाख रुपए मूल्य के आभूषण
  • 80 लाख रुपए की एफडी
  • राजधानी के होशंगाबाद रोड स्थित मॉल में पार्टनरशिप


किस किसके नाम से किए अवैध निवेश 


आईएफएस बसंत कुमार सिंह ने उक्त तमाम निवेश अपनी पत्नि वीणा सिंह, बेटे अभिनव सिंह और सास एवं ससुर के नाम से कर रखे हैं। 


भाजपा से मजबूत रिश्ते


पता चला है कि बसंत कुमार सिंह के भाजपा से बड़े ही मजबूत रिश्ते रहे हैं। बताया जा रहा है कि तत्कालीन मुख्य सचिव के नेगेटिव कमेंट के बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने बसंत कुमार को प्रदूषण निवारण बोर्ड में पदेन सचिव नियुक्त कर दिया था। इसके अलावा मध्यप्रदेश शासन के एक केबीनेट मंत्री से भी बसंत कुमार के बहुत ही घनिष्ठ संबंध बताए जा रहे हैं। 


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