भोपाल। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के जैसे हालात मध्यप्रदेश में भी हैं। यहां भी आदिवासी एवं अनुसूचित जनजाति की लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं एवं छात्रावास यातनागृह में तब्दील हो गए हैं। उन्होंने अपने पक्ष समर्थन में कोई डाटा उपलब्ध नहीं कराया, लेकिन बयान जबर्दस्त जारी किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक आदिवासी कन्या आश्रम की 11 मासूम बच्चियों के साथ पिछले दो साल से संस्था के एक शिक्षाकर्मी और चौकीदार द्वारा किये जा रहे दुष्कर्म की शर्मनाक घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि इस घटना ने सरकारी कन्या आश्रमों के भीतर का ‘‘काला सच’’ उजागर कर दिया है। ऐसे आश्रम में बालिकाओं के लिए आवास और पढ़ाई दोनों की व्यवस्था रहती है।
आरोपी शिक्षाकर्मी के अनुसार कन्या आश्रम की अधीक्षक को आश्रम में चल रहे इस दुष्कर्म की जानकारी थी। भूरिया कहा है कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए संचालित संस्थाओं का पैटर्न एक जैसा है, क्योंकि वर्ष 2000 तक छत्तीसगढ़ भी म.प्र. का ही हिस्सा था। ऐसी दशा प्रदेश में आदिवासी और अनुसूचित जाति की बालिका संस्थाओं की भीतर की व्यवस्था के संबंध में म.प्र. सरकार को किसी खुशफहमी अथवा गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए।
प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन संस्थाओं के नियमित निरीक्षण प्रायः बंद हो चुके हैं और संस्थाएं पूरी तरह अधीक्षक के भरोसे छोड़ दी गई हैं। इस कारण पक्के दावे के साथ कोई नहीं कह सकता कि इन दिनों म.प्र. के कन्या आश्रम और छात्रावासों में लड़कियां सुरक्षित एवं सुखी हैं।
श्री भूरिया ने कहा है कि आश्चर्य की बात है कि कन्या आश्रम में दो साल से 11 छात्राओं के साथ सामूहिक बलात्कार होता रहा और विभाग के अधिकारियों को उसकी जरा भी भनक नहीं लगी, जबकि दोनों बलात्कारी रात के समय कन्या आश्रम में पहले शराबखोरी करते थे और फिर वहां की बिजली गुल करके दरिंदगी को अंजाम देते थे।
क्षेत्रीय विधायक सुमित्रा मारकोले ने भी स्वीकार किया है कि कन्या आश्रम उनके घर के पास ही है। वे कई बार आश्रम के कार्यक्रमों में शामिल भी हुई हैं। शर्म की बात तो यह है कि ग्रामीणों को पिछले साल अगस्त में इस दुष्कर्म की भनक लगने पर उन्होंने कुछ अधिकारियों से उसकी शिकायत भी की थी, किंतु किसी ने उस पर ध्यान नहीं दिया। उप सरपंच ने भी स्वयं इस पापाचार की जानकारी होना स्वीकार किया है। बात साफ है कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी बालिकाओं के आश्रम और छात्रावास भगवान भरोसे चल रहे हैं। म.प्र. की स्थिति को छत्तीसगढ़ से भिन्न मानना स्वयं को धोखा देना होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार आई है, आश्रम स्कूल और छात्रावासों की व्यवस्था बदतर हो गई है। इन संस्थाओं की देखरेख के लिए अधीक्षक का जो पद स्वीकृत है, उस पर जिला अधिकारी को मोटी रकम देने वाले संदिग्ध चरित्र वाले, निकम्मे और भ्रष्ट कर्मचारियों की पदस्थापना होने लगी है, क्योंकि अधीक्षक का पद भारी कमाई वाला पद माना जाता है।
विभागीय जिला अधिकारी को इन कर्मचारी से हर महीने बंधी-बधायी रकम भी मिलती रहती है। इस कारण वे उनके आचरण और कामकाज की तरफ से मुंह फेर लेते हैं। कन्या आश्रम और छात्रावासों की अधीक्षक बालिकाओं की संरक्षक नहीं, बल्कि तानाशाह के रूप में उनको हमेशा डरा-धमकाकर रखती है। इस कारण अधीक्षक की मिली भगत से संस्था के भीतर चलते गलत कामों के खिलाफ लड़कियां अपनी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पातीं।
छत्तीसगढ़ के कन्या आश्रम का जो बड़ा कांड उजागर हुआ है, वह ऐसी ही स्थिति का दुष्परिणाम है। म.प्र. के कन्या आश्रम और छात्रावास भी अधीक्षक की तानाशाही से मुक्त नहीं है। पिछले साल राजधानी भोपाल के एक कन्या छात्रावास की अनुसूचित जाति की दो छात्राओं को अधीक्षक के आतंक से त्रस्त होकर कांगे्रस और मीडिया की शरण लेना पड़ी थी। जब राजधानी के ही ये हाल हैं, तो जिला, तहसील और ब्लाक स्तर की संस्थाओं में क्या कुछ अवांछित चल रहा होगा, सहज अनुमान लगाया जा सकता है।
आगे कहा है कि प्रदेश में आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित आश्रम और छात्रावासों में जब से अधीक्षक की पदस्थापना भाजपा के स्थानीय नेताओं के दबाव में होने लगी है, तब से ये संस्थाएं बच्चों के लिए यातनागृह में तब्दील हो गई हैं। न तो अच्छा खाने को मिल रहा है और न ही ओढ़ने-बिछाने की कोई ढंग की व्यवस्था है। बच्चे अव्यवस्था का विरोध करते हैं, तो उनको संस्था से बाहर कर देने की धमकी दी जाती है। स्टायपेंड की रकम में तो लगातार बढ़ोतरी हो रही है, किंतु भोजन की गुणवत्ता में जरा भी सुधार दिखाई नहीं देता।
आपने इन संस्थाओं में पदस्थापना के पूर्व कर्मचारियों और शिक्षकों का पुलिस से चरित्र सत्यापन कराने, महीने में कम से कम एक बार अधिकारियों द्वारा प्रत्येक संस्था के गहन निरीक्षण और बच्चों के साथ अधिकारियों द्वारा सीधा संवाद बनाने का सुझाव दिया है। आपने चेतावनी दी है कि अधीक्षक पद की नीलामी बंद करके कांगे्रस शासन जैसी नियमित निरीक्षण की रोस्टर प्रणाली लागू न हुई तो किसी दिन म.प्र. को भी छत्तीसगढ़ की तरह शर्मिंदा होना पड़ सकता है।
महिलाओं और कमजोर वर्गो को सहकारी संस्थाओं में प्रतिनिधित्व से वंचित न किया जाए: भूरिया
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं जनजातीय मामलों के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने आज जारी बयान में कहा है कि सहकारिता आंदोलन में भी महिलाओं, अनुसूचित जातियों-जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को समुचित भागीदारी देने के लिए अपेक्स बैंक, जिला सहकारी बैंक आदि सहकारी संस्थाओं में उनका पूर्ववत् आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। इन संस्थाओं के संचालक मंडल में इन वर्गों के लिए पूर्व में जो आरक्षण की व्यवस्था थी, उसको समाप्त नहीं किया जाना चाहिए। यदि ऐसा किया जाता है तो समाज के ये कमजोर वर्ग प्रदेश के सहकारी आंदोलन से दूर हो जाएंगे। ऐसी दशा में प्रदेश की सहकारी संस्थाएं समाज के रसूखदार वर्गों तक सीमित होकर रह जाएगी।
श्री भूरिया ने कहा है कि राज्य के मुख्य मंत्री को भी इस संबंध में ऐसी पहल करना चाहिए, जिससे कि भविष्य में होने वाले सहकारी संस्थाओं के चुनाव में महिलाओं, अनुसूचित वर्गों और अन्य पिछड़े वर्गों को पूर्व प्रावधानों के अनुसार आरक्षण का लाभ मिल सके। इन संस्थाओं को प्रासंगिक बनाये रखने के लिए भी ऐसी व्यवस्था जारी रखना बहुत जरूरी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम एवं शहरी विकास मंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा के कार्यक्रमों में भाग लेंगे
भोपाल। केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम् और शहरी विकास मंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा के एक दिवसीय प्रवास पर कल 9 जनवरी, बुधवार को विशेष विमान द्वारा दिल्ली से पूर्वान्ह 11 बजे छिंदवाड़ा पहुंच रहे हैं। दोनों केंद्रीय मंत्रीगण बुधवार को छिंदवाड़ा में चार विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
श्री चिदम्बरम् और श्री कमलनाथ छिंदवाड़ा पहुंचने के बाद पूर्वान्ह 11.30 बजे सीआईआई स्किल डेवलपमेंट सेंटर का अवलोकन करेंगे। वे अपरान्ह 01 बजे से अपरान्ह 02 बजे तक छिंदवाड़ा के चर्च के सामने मैदान पर आरआरबी कार्यक्रम में शामिल होंगे। तत्पश्चात वे अपरान्ह 2 बजे से 2.45 बजे तक सत्कार चैक स्थित स्टैडर्ड चार्टर्ड बैंक की शाखा के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे। अपरान्ह 2.45 से 3.45 बजे तक एनआईआईटी सेंटर की स्थापना के पांच वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के पश्चात दोनों मंत्रीगण अपरान्ह 3.30 बजे विशेष विमान द्वारा दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
इंदौर में आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेसियों पर किये गये हमले की भूरिया द्वारा कड़ी निंदा
भोपाल। बलात्कार की घटनाओं और पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते के संबंध में आपत्तिजनक और अशोभनीय बयान देने पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत और म.प्र. के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विरोध में आज जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) की ओर से इंदौर में विरोध प्रदर्शन एवं दोनों नेताओं के पुतला दहन का कार्यक्रम रखा था। कांग्रेस का यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने अचानक कांग्रेसियों पर हमला बोल दिया। इसके अलावा कांग्रेसियों के घरों में घुसकर तोड़फोड़ भी की गई। तब पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही। पार्षद रवि वर्मा सहित कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराया गया है।
कांग्रेस के अनुशासित कार्यकर्ताओं पर आरएसएस के स्वयं सेवकों द्वारा किये गए इस कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद कांतिलाल भूरिया ने कहा है कि आरएसएस प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा का सहयोगी संगठन होने का दुरूपयोग करके शांतिपूर्ण राजनीतिक कार्यक्रमों को बिगाड़ने और कांग्रेसजनों की आवाज को दबाने पर उतारू हो गया है। संघ मान बैठा है कि भाजपा की प्रदेश सरकार उसकी मुट्ठी में है और संघ के स्वयं सेवक कानून को कभी भी हाथ में ले सकते हैं। पुलिस उनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती। श्री भूरिया ने आरएसएस को चेतावनी दी है कि वह अपनी दादागिरी से बाज आए, अन्यथा कांगे्रस को भी उसी की भाषा में जवाब देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
आदिवासियों को कानून हाथ में लेने को मजबूर न किया जाए
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने धार में आरएसएस के स्वयं सेवकों द्वारा आज एक आदिवासी देवा भील का मकान जला देने की घटना की भी कड़े शब्दों में निंदा की है। आपने कहा है कि प्रदेश के आदिवासी शांतिप्रिय और सीधे-साधे जरूर हैं, लेकिन आरएसएस ने यदि उन पर इस तरह अत्याचार जारी रखा तो आदिवासी बहुल जिलों में संघ के स्वयं सेवकों का घुसना मुश्किल हो जाएगा। संघ परिवार को याद रखना चाहिए कि प्रदेश के आदिवासी एक सीमा तक ही अन्याय और दमन सहन कर सकते हैं। अतः आरएसएस आदिवासियों को कानून हाथ में लेने के लिए मजबूर करने की गलती न करे।
कांग्रेस नेता मो. सगीर की पत्नी के निधन पर भूरिया द्वारा शोक व्यक्त
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने भोपाल नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष एवं भोपाल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता मो. सगीर की पत्नी के असामयिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए परवरदिगार से दिवंगत आत्मा को चिरशांति और शोक संतप्त परिवार को इस क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूरिया आज भोपाल में
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया ने आज शाजापुर जिले के बोलाई में किसान एवं सहकारिता सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम के उपरांत वे शाम 5.30 बजे बोलाई से सड़क मार्ग द्वारा रवाना होकर रात्रि में इंदौर पहुंचे। वे 9 जनवरी, बुधवार को सुबह 9.30 बजे इंदौर से सड़क मार्ग द्वारा देवास-सीहोर होते हुए दोपहर 12.30 बजे भोपाल पहुंचेंगे।