भोपाल। कांग्रेस हाईकमान, सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी दोनों ने मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में सिंधिया पर सील लगा दी है। शीघ्र ही सिंधिया का कद बढ़ाकर उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। हालांकि उन्हें सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा, लेकिन कांग्रेस का प्रमुख चेहरा वही होंगे।
हाईकमान ने यह फैसला शिवराज सिंह के खिलाफ युवा चेहरे को उतारने की रणनीति को लेकर किया है। हाईकमान का मानना है कि गुजरात में अच्छे परिणाम इसलिए नहीं आए क्योंकि वहां नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कोई नया चेहरा नहीं था। मध्यप्रदेश में भी हालात ऐसे ही हैं। यहां कांग्रेस पिछले 10 साल से सत्ता से बाहर है। यदि इस बार भी हार गई तो हालात उत्तरप्रदेश जैसे हो सकते हैं।
पार्टी सूत्र कहते हैं कि हाईकमान के पास इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं था। पार्टी समीक्षकों का मानना है कि मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह का आमजन में भारी विरोध है, कांतिलाल भूरिया कांग्रेस में ही अपना एक्सेप्टेंस नहीं ला पाए हैं। अजय सिंह राहुल भी जननायक बनने में सफल नहीं हुए हैं और कमलनाथ के चेहरे पर वोट मिलना मुश्किल हैं।
इसके विरुद्ध ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवराज सरकार पर सबसे ज्यादा हमले किए। वो जमीन से जुड़कर कांग्रेस का काम कर रहे हैं। उनके दौरों में आमजन की संख्या भी अच्छी मिल रही है और उनकी अपनी फेसवेल्यू है। शिवराज सिंह की फेसवेल्यू के सामने केवल सिंधिया ही है जिनकी फेसवेल्यू पर वोट बदल सकते हैं। इसी के चलते पिछले दिनों तय किया गया कि सिंधिया का लीडरशिप दी जाएगी।
गुटों में बंटी कांग्रेस को बैलेंस करने के लिए यह भी तय किया गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा, बल्कि किसी समिति का अध्यक्ष बनाकर उनका कद प्रदेश स्तर का कर दिया जाएगा ताकि वो कांग्रेस के लिए जमीन तैयार कर सकें। शीघ्र ही सिंधिया पूरे मध्यप्रदेश में दौरे करते हुए दिखाई देंगे।
