भोपाल। पूरे जोश खरोश के साथ युवा पंचायत करने जा रहे शिवराज सिंह के सामने यह सबसे बड़ा सवाल है। एक साल से भी ज्यादा हो गया, लेकिन वो अभी तक घोषित युवा आयोग का गठन नहीं कर पाए हैं।
नेताओं की खींचतांन में उलझा युवा आयोग आज तक गठित नहीं हो पाया है और युवा पंचायत 16 जनवरी की तैयारियां शुरू हो गईं। सवाल यह है कि बिना युवा आयोग की घोषणा के शिवराज सिंह युवा पंचायत में कैसे जाएंगे।
ऐसा नहीं है कि सीएम शिवराज सिंह ने युवा आयोग के लिए कसरत नहीं की, लेकिन समस्या यह है कि किसी एक नाम पर सबकी सहमति ही नहीं बन पाई। शिवराज सिंह चौहान देपालपुर के पूर्व विधायक मनोज पटेल को अध्यक्ष बनाना चाहते थे, लेकिन पटेल साहब चुनाव लड़ने के मूड में हैं अत: उन्होंने मना कर दिया।
अब बारी थी तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा की। उन्होंने अपनी ओर से युवा मोर्चा के अध्यक्ष जीतू जिराती का नाम उछाला, लेकिन जीतू भाई भी चुनाव लड़ने के मूड में थे, उन्होंने माफी मांग ली।
सभी केबीनेट म़ंत्रियों ने भी अपनी अपनी पसंद के युवाओं को सामने लाया, लेकिन आमसहमति बन ही नहीं पाई और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। आपसी खींचतान ने इस मामले को एक साल से लटका रखा है।
फिलहाल जिन नामों पर कसरत की जा रही है, उनमें हैं युवा मोर्चा के महामंत्री रजनीश अग्रवाल, युवा मोर्चा के ही राष्ट्रीय महामंत्री राहुल कोठारी, केबीनेट मंत्री के चिरंजीव एवं उपभरते हुए भाजपा नेता अभिषेक भार्गव एवं युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश मंत्री धैर्यवर्धन शर्मा।
इन सभी के नामों पर विचार किया जा रहा है, लेकिन किसको मिलेगा आयोग अध्यक्ष का ताज और कौन छूट जाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा।
युवा आयोग को अपने पाले में ले जाने के लिए भाजपा की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी कतार में है। परिषद की ओर से अश्विनी परांजपे और भारती कुंभारे का नाम प्रस्तावित किया गया है। देखना होगा, परिषद के पूर्व नेता और सीएम शिवराज सिंह चौहान यह सीट परिषद के खाते में डाल पाते हैं या...।
ABVP भी है कतार में
युवा आयोग को अपने पाले में ले जाने के लिए भाजपा की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भी कतार में है। परिषद की ओर से अश्विनी परांजपे और भारती कुंभारे का नाम प्रस्तावित किया गया है। देखना होगा, परिषद के पूर्व नेता और सीएम शिवराज सिंह चौहान यह सीट परिषद के खाते में डाल पाते हैं या...।