गंदगी पसंद तीन अधिकारियों को नोटिस

छिन्दवाड़ा| कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी ने अपने आफिस में ही साफ सफाई न रखने वाले तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। यह नोटिस निरीक्षण के बाद जारी किए गए। पाया गया कि निरीक्षण के दौरान भी आफिसों में साफ सफाई नही थी। 

कलेक्टर श्री महेशचन्द्र चौधरी द्वारा अपने कार्यालय और कार्यालय परिसर में साफ सफाई की उचित व्यवस्था नहीं कर शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता बरतने पर तहसील चांद के प्रभारी तहसीलदार भागचंद सनोडिया, कृषि उपज मंडी समिति पांढुर्ना के सचिव सुरेश परते और जिला कार्यालय छिन्दवाड़ा की स्थानीय निर्वाचन शाखा के सहायक अधीक्षक सुंदरलाल कुमरे को दो वेतनवृद्धियाँ असंचयी प्रभाव से रोके जाने और अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 

अधिकारी/कर्मचारी द्वारा नोटिस प्राप्ति के 3 दिनों के भीतर लिखित उत्तर प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित के विरुद्ध एक पक्षीय निर्णय लिया जाकर प्रस्तावित कार्यवाही कर दी जायेगी। 

कलेक्टर श्री चौधरी ने बताया कि मंडी कार्यालय पांढुर्ना के 11 दिसम्बर 2012 को किये गये निरीक्षण में पाया गया कि मंडी परिसर में रेस्ट हाउस के सामने अत्यन्त गंदगी है और साफ-सफाई का अभाव है। रेस्ट हाउस के सामने बने कमरे में अनावश्यक कबाड रखा है जिसके निराकरण की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। 

जानवरों के पीने के पानी के लिये बने कुण्ड में कचरा और गंदगी पडी हुई, कुण्ड टूटा है और उसकी मरम्मत की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। कृषि उपज मंडी समिति के सचिव श्री सुरेश परते से इस संबंध में जानकारी लेने पर उन्होंने कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। जिला कार्यालय छिन्दवाडा की स्थानीय निर्वाचन शाखा में एक जनवरी 2013 को निरीक्षण में पाया गया कि कार्यालय के पीछे कार्यालय का कचरा बेतरतीबी से डाले जाने के कारण गंदगी है और साफ-सफाई का अभाव है। 

सहायक अधीक्षक सुंदरलाल कुमरे को नगरपालिका का अमला बुलाकर पूरे परिसर की साफ सफाई कराने और स्टाफ के माध्यम से नियमित साफ-सफाई कराने एवं कचरा पेटी रखवाने के निर्देश दिये गये, किन्तु उनके द्वारा साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं की गई। इसी प्रकार तहसील कार्यालय चांद के 11 जनवरी 2013 के निरीक्षण के दौरान कार्यालय के पीछे बने टायलेट में गंदगी पाई गई एवं काफी लंबे समय से शौचालय की साफ-सफाई नहीं कराई गई जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से तहसील कार्यालय में आने वाले कृषकों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। नये तहसील कार्यालय के निर्माण की प्रगति के संबंध में भी कोई समाधानकारक उत्तर प्रभारी तहसीलदार श्री भागचंद सनोडिया द्वारा नहीं दिया गया। 

कलेक्टर श्री चौधरी ने बताया कि कार्यालय में साफ-सफाई की उचित व्यवस्था नहीं करना, मरम्मत और निर्माण कार्य नहीं किया जाना और कोई समाधानकारक जवाब नहीं देना शासकीय कार्यों के प्रति घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता का द्योतक है जो म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है और पदीय कर्तव्यों के विरुद्ध है। उन्होंने बताया कि उक्त लापरवाहीपूर्ण कृत्यों के लिये कारण बताओ नोटिस जारी कर म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 10 के अन्तर्गत प्रभारी तहसीलदार श्री सनोडिया और सहायक अधीक्षक श्री कुमरे से पूछा गया है कि क्यों न उनकी दो वेतनवृत्रियाँ असंचयी प्रभाव से रोके जाने की कार्यवाही की जाये। 

इसी प्रकार म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के  नियम 9 के अन्तर्गत कृषि उपज मंडी समिति के सचिव श्री परते से भी पूछा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये। निर्धारित समय पर लिखित उत्तर प्रस्तुत नहीं करने पर यह माना जाकर कि संबंधित को कुछ नहीं कहना है, प्रकरण में एकपक्षीय निर्णय लिया जाकर प्रस्तावित कार्यवाही कर दी जायेगी।  
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