भोपाल। स्वास्थ्य संचालनायल भोपाल की टीम को बैतूल में शिकायतकर्ताओं के हंगामे का सामना करना पड़ा। यहां तत्कालीन बीएमओ बीपी चौरिया के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की जांच चल रही है। शिकायतकर्ता महिलाओं ने कहा कि हम बयान पर बयान देते देते थक गए हैं। कार्रवाई करना हो तो करो, नहीं तो...।
बैतूल में शनिवार को आमला के पूर्व बीएमओ बीपी चौरिया के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की शिकायतों की जांच करने स्वास्थ्य संचालनालय भोपाल की एक टीम बैतूल पहुंची। सीएमएचओ ऑफिस में जांच के दौरान बयान व फार्मेट को लेकर शिकायतकर्ताओं ने हंगामा मचा दिया।
वे शिकायत पर बार-बार बयान होने से तंग आ चुके थे। उनका कहना है कि बयान तो हो रहे हैं, लेकिन मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है। कर्मचारी संगठन ने भी मामले में हस्तक्षेप करते हुए जांच को औचित्यहीन करार दिया।
एक घंटा देरी से पहुंची टीम
सीएमएचओ आफिस में मामले की जांच व शिकायतकर्ताओं के बयान दोपहर 12 बजे से रखी गई थी, लेकिन स्वास्थ संचालनालय की गठित टीम दोपहर 1 बजे सीएमएचओ आफिस पहुंची। जबकि आमला स्वास्थ विभाग का स्टाफ व शिकायतकर्ता पहले से आकर सीएमएचओ आफिस के सभा कक्ष में बैठक गए थे।
आरोपी के सामने लिए जा रहे थे पीड़िता के बयान
सीएमएचओ आफिस में जब बयान लिए जा रहे थे तब मामले का आरोपी बीएमओ बीपी चौरिया भी मौजूद था। इसे लेकर भी जबर्दस्त हंगामा हुआ। महिलाओं का कहना था कि जांच के नाम पर मामले को टालते हुए ऐसे हालात पैदा किए जा रहे हैं कि हम अपना संतुलन खो दें या बयानों में कोई गलती कर दें, जिसको आधार बनाकर अधिकारी को बचाया जा सके।
आमला के पूर्व बीएमओ डॉ. बीपी चौरिया के खिलाफ आमला की डॉ. नमिता नीलकंठ समेत अन्य स्टाफ ने प्रताडऩा और यौन उत्पीडऩ की शिकायतें की थी। इस मामले में एससी कमिशन समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी जांच कर चुके हैं। इसके बाद स्वास्थ संचालनालय ने डिपार्टमेंटली जांच करने डिप्टी डायरेक्टरों की एक टीम गठित कर शिकायतों की जांच करने बैतूल भेजा। इसमें शिकायतकर्ता डॉ. नमिता नीलकंठ समेत आमला स्टाफ को बयान के लिए बुलाया था।
ये था मामला
आमला के पूर्व बीएमओ डॉ. बीपी चौरिया के खिलाफ आमला की डॉ. नमिता नीलकंठ समेत अन्य स्टाफ ने प्रताडऩा और यौन उत्पीडऩ की शिकायतें की थी। इस मामले में एससी कमिशन समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी जांच कर चुके हैं। इसके बाद स्वास्थ संचालनालय ने डिपार्टमेंटली जांच करने डिप्टी डायरेक्टरों की एक टीम गठित कर शिकायतों की जांच करने बैतूल भेजा। इसमें शिकायतकर्ता डॉ. नमिता नीलकंठ समेत आमला स्टाफ को बयान के लिए बुलाया था।