भोपाल। मध्यप्रदेश में उन्नत शिक्षा का एक नमूना ग्राम पंचायत खौरिया के माध्यमिक विद्यालय में देखने को मिलता है। यहां बच्चों को मध्यान्ह भोजन तो मिलता है, परंतु पानी उन्हें अपने घर से लाना पड़ता है। स्कूल में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां बता दें कि यह स्कूल मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस के इलाके में पाया जाता है।
स्कूली शिक्षा को बेहतरीन बनाने के लिए करोड़ों बहाए जा रहे हैं। हर स्कूल का निरीक्षण करने के लिए दसियों अधिकारी तैनात है। इतनी गश्त तो पुलिस विभाग के अधिकारी भी नहीं करते, जितने टूर स्कूलों के निरीक्षण के लिए अधिकारी किया करते हैं। बावजूद इसके स्कूल शिक्षा मंत्री के इलाके में संचालित सरकारी स्कूलों में पेयजल उपलब्ध नहीं हैं। खौरिया माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को पेयजल अपने घर से लेकर आना पड़ता है।
इस मामले में जब बीईओ पेटलावद समनकांत से बात की तो उन्होंने ऐसे रिएक्ट किया जैसे उन्हें मालूम ही न हो। उन्होंने कहा कि स्कूल के हेण्डपंप का जलस्तर नीचे चला गया होगा, ठीक करवा लेंगे। अब जब स्कूलों में स्टूडेंट्स के लिए पेयजल ही नहीं है तो बाकी क्या व्यवस्थाएं होंगी, भगवान जाने। बीईओ महोदय भी स्कूलों का कैसा निरीक्षण करते हैं रामजाने।