भोपाल। तमाम विरोधों के बावजूद अंतत: अध्यापक संयुक्त मोर्चा ने विधायकों के घेराव और स्कूलों में तालाबंदी एलान कर दिया है। इसके बाद भी यदि सरकार नहीं झुकी तो आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। सनद रहे कि महाकुंभ में हड़ताल का एलान न करने के बाद से ही नेताओं को कर्मचारियों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ रहा था।
अध्यापक संयुक्त मोर्चा द्वारा घोषित रणनीति के अनुसार
- बीस जनवरी को अध्यापक काली पट्टी बांध ब्लाक स्तर पर धरना देंगे।
- तीन फरवरी को जिला स्तर पर मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा।
- 16-17 फरवरी को अध्यापक अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों के निवास पर धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
- 18 से 20 फरवरी तक स्कूलों में सामूहिक तालाबंदी की जाएगी।
इसके बाद भी मांगों का निराकरण नहीं होता है, तो मार्च में सभी प्रकार की परीक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे अध्यापक संयुक्त मोर्चा को दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने 23 सौ से साढ़े तीन हजार का वेतन बढ़ाते हुए अन्य सौगात दी थी। लेकिन इससे अध्यापक संवर्ग संतुष्ट नहीं है। रविवार को शाहजहांनी पार्क में अध्यापकों ने महाकुंभ आयोजित कर सरकार को अपनी ताकत का अहसास कराया था।